अध्यात्म

अगर आप भी तेरहवीं में जाकर खाना खाते हैं तो उसके पहले जान लें ये सही है या नहीं

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: किसी को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य का काम होता हैं। हिंदु धर्म में ऐसे कई मौके पड़ते हैं जिसमें हम दूसरे लोगों को घर पर बुलाकर भोजन कराते हैं फिर वो चाहे नवरात्री हो या किसी पूजा-पाठ के बाद ब्राहम्णों को घर में बुलाकर भोजन कराना हो। हर इस तरह के कामों में लोगों को भोजन कराना बहुत पुण्य का काम होता है।

बात शास्त्रों की करें तो उसमें मनुष्य के जन्म से मृत्यु तक कुल 16  संस्कार होते हैं। जिनको हर कोई निभाता है, लेकिन बता दें कि इनके अलावा एक १७ वां संस्कार भी होती है, जो किसी की मृत्यु के बाद करा जाता है और उसे तेरहवी कहते हैं। बता दें कि ये संस्कार खुद हम लोगों ने ही बनाया है। इसे तेरहवीं के अलावा मृत्यु भोज भी कहा जाता है। जिसे लोग जरूर खाने जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस भोज को खाना सही है या नहीं। अगर आपको इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं तो हम आपको बताते हैं इसके बारे में।

बता दें कि श्रीकृष्ण भगवान के उपदेशों की बहुत मान्यता है उनके द्वारा कही गई हर एक बात को लोग मानते हैं और वो सत्य भी होती हैं। इसी तरह तेंरहवी में जाकर भोजन करने को श्रीकृष्ण उचित नहीं मानते हैं। श्री कृष्ण कहते हैं कि जो लोग शोक की अवस्था में भोजन करवाते हैं या वो लोग जो जाकर इस तरह भोजन करते हैं उसमें उनकी ऊर्जा का नाश होता है।

श्रीकृष्ण ने कहा है कि ‘सम्प्रीति भोज्यानि आपदा भोज्यानि वा पुनैः’ अर्थात जब मनुष्य का मन ही प्रसन्न न हो तो फिर भोजन का आयोजन किस लिए ? जब आपका मन अंदर से दुखी हो तो ऐसे में भोजन कभी भी नहीं करना चाहिए।

बता दें एक वाक्या हुआ था जब महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था, तब भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के घर जाकर युद्ध ना करने और संधि कर लेने का प्रस्ताव रखा। लेकिन दुर्योधन द्रापा प्रस्ताव ठुरका आने के कारण भगवान श्रीकृष्ण को बहुत दुख हुआ और वह बाहर की ओर जाने लगे। 

तब दुर्योधन के श्रीकृष्ण को भोजन करने का आग्रह किया लेकिन श्रीकृष्ण ने कहा कि “जब भोजन करवाने और भोजन करने वाले दोनों का मन प्रसन्न हो तब ही भोजन करना चाहिए, लेकिन यदि दोनों के मन में पीड़ा हो वेदना हो तो कदापि भोजन नहीं करना ताहिए। 

श्रीकृष्ण के इस श्लोक से ये बात तो साफ है कि कभी भी जब कोई दुखी मन से भोजन कराए तो भोजन नहीं करना चाहिए।

श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों को हर कोई मानता है, सबकों पता होता है कि यदि उन्होंने कोई भी बात कही है तो वो सत्य है इसलिए श्रीकृष्ण ने दुखी मन से भोजन कराया जाए उस खाने को खाने के लिए मना किया है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/