अध्यात्म

जानिये क्यों सूरज ढलने के बाद नहीं किये जाते ये काम…!

 नई दिल्ली: आपने अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि रात को झाड़ू मत लगाओ, शाम को तुलसी को मत छूओ, रात को नाखून ना काटों और अन्य ऐसी बहुत सी बातें. पर क्या आपको यह मालूम है कि ऐसा आखि‍र ऐसा क्यों कहा जाता है. आज हम उसी रहस्य से पर्दा उठाने वाले हैं. हम आपको बताएँगे की क्यों सूरज ढलने के बाद बड़े-बुजुर्ग इन कामों को करने से मना करते हैं.

क्यों शाम को तुलसी जी को नहीं छूते

शाम के वक्त लोग तुलसी के सामने दीप जलाते हैं, उसकी अर्चना करते हैं, पर उसे छूते बिलकुल भी नहीं हैं और न ही उसे जल चढ़ाते हैं. शाम को तुलसी के सामने दीप जलाने से लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा बानी रहती है. लेकिन अगर आप शाम को तुलसी को छूते हैं या उन्हें जल देते हैं तो इससे वो नाराज होती हैं. इस तरह लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं. वो अपनी कृपा नहीं करतीं. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि शाम के समय तुलसी जी आराम करती हैं और छूने से वो जग जाती हैं. नींद में खलल पड़ने की वजह से वो भक्त को अपने आशीर्वाद से महरूम कर देती हैं. वैज्ञानिक भी मानते हैं कि रात के समय पौधों को पानी नहीं देना चाहिए. पौधों के भी सोने और जागने का वक्त होता है. ऐसे में यदि आप उन्हें रात में पानी देंगे तो उनकी सेहत खराब हो सकती है और वो मुर्झा सकते हैं.

क्यों सूरज डूबने के बाद नहीं लगाते झाड़ू

सूरज डूबने के बाद घर में झाडू बिलकुल नहीं लगाना चाहिए. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त झाड़ू लगाने से लक्ष्मी जी घर के बाहर चली जाती हैं. एक वजह यह भी है कि पुराने जमाने में बिजली नहीं होती थी. सूरज डूबते ही लालटेन या दीये की रोशनी में लोग काम करते थे. ऐसे में अंधेरे में झाडू लगाते हुए कई बार जरूरी चीजें भी बाहर कूड़े में चली जाती थीं. इसलिए भी इसे नियम के तौर पर माना जाने लगा कि अंधेरा होते ही या दिन ढलने के बाद झाडू नहीं लगाना चाहिए.

क्यों नहीं काटने चाहिए रात को नाखून

इसके पीछे की एक वजह यह है कि पहले बिजली नहीं रहा करती थी और अंधेरे में नाखून काटना जरा जोखिम भरा काम था. इसके अलावा लोगों के पास तब नेलकटर भी नहीं हुआ करते थे, वो चाकू, ब्लेड या कैंची से नाखून काटते थे. दूसरा, इसका धार्मिक पक्ष यह है कि रात में

नाखून काटने से लक्ष्मी जी नाराज होती हैं. उन्हें रात में नाखून काटना बिल्कुल पसंद नहीं है. ऐसे व्यक्त‍ि पर लक्ष्मी अपनी कृपा नहीं दिखाती और उसे धन की हानि भी होती है.

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