ओवैसी का विवादित बयान, पीएम मोदी के लिए कहे अपशब्द !
हैदराबाद/नई दिल्ली – ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को एक विवादित बयान दिया है। नोटबंदी को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जालिम’ बताते हुए आरोप लगाया है कि शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में बैंक और एटीएम काम नहीं कर रहे हैं। ओवैसी ने हैदराबाद में एक रैली के दौरान कहा कि नोटबंदी से मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। Owaisi calls pm modi zalim.
मुस्लिम इलाकों में नहीं चल रहे हैं बैंक, एटीएम –
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में बैंक और एटीएम काम नहीं कर रहे। मुस्लिम बहुल इलाके में बैंक नहीं खोले जाते हैं। मोदी सरकार नोटबंदी के नाम पर लोगों को परेशान कर रही है। ओवैसी ने कहा कि नोटबंदी पर मुसलमानों से भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बैंकों व एटीएम से पैसे निकलवाते समय कई लोग मर गए। बाजारों में लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। गौरतलब है कि ओवैसी ने बीते दिनों भी कहा था कि नोटबंदी का फैसला बिना सोचे समझे किसी तैयारी के बिना लिया हुआ है। इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था डूब जाएगी।
मोदी खुद को कहते हैं ‘फकीर’ और पहनते हैं 15 लाख का सूट –
पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन ‘मिलाद-उन-नबी’ के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा औवैसी ने कहा, आज हर घर परेशानी में है। मैं खुद का पैसा नहीं निकाल सकता हूं। यह कानून किसने बनाया। मोदी की ‘फकीर’ वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि क्या कोई फकीर 15 लाख का सूट पहनता है। उन्होंने कहा, वह किस किस्म के ‘फकीर’ हैं? क्या कोई ‘फकीर’ किसी को दर्द देता है। आप ‘फकीर’ नहीं हैं, आप तो ‘जालिम’ हैं।
ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि जो आज अपने पैसे निकालने के लिए कतारों में लगे हैं वही लोग एक बार फिर उनके खिलाफ वोट देने के लिए कतार में खड़े होंगे।
बीजेपी का पलटवार, कहा – फैसले का हो रहा सांप्रदायिकीकरण –
ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि ओवैसी लोगों को बांटने वाली राजनीति कर रहे हैं। मोदी सरकार ने ही आम आदमी के बैंक खाते खुलवाए। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देशहित में पीएम मोदी ने बड़े नोटों को बंद करने का फैसला लिया है। पहले इस फैसले पर सियासत हुई। अब इसे सांप्रदायिकता का रूप दिया जा रहा है। लेकिन, हम पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि कैशलेस सोसाइटी सभी वर्गो के हित में है।