बेरोजगारों और गरीबों को हर महीने मिलेगी ‘फिक्स सैलरी’, मोदी सरकार ने 2019 से पहले बना लिया है ये खास प्लान
साल 2018 जाने को है और इस साल ने आपमें से किसी ना किसी के लिए बहुत खराब रहा होगा, फिक्र मत करिए ये इस बार मोदी सरकार के लिए भी बिल्कुल झटके जैसा ही रहा. इस साल मोदी सरकार ने कई चुनौतियां देखी कुछ हार भी देखी इससे सचेत होते हुए आने वाले लोकसभा-2019 चुनाव के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर रही है. मोदी सरकार ने साल 2019 में होने वाले आम चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए एक नई स्कीन तैयार की है जिसके तहत हर बेरोजगार को एक निश्चिचत धनराशि दी जाएगी वो भी बिना किसी नियम और शर्तों के, अब समझिए कि बेरोजगारों और गरीबों को हर महीने मिलेगी ‘फिक्स सैलरी’, इसके जरिए मोदी सरकार अपने वोट आने वाले चुनावों के लिए रिजर्व करेगी.
बेरोजगारों और गरीबों को हर महीने मिलेगी ‘फिक्स सैलरी’
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तिसगढ़ से करारी हार के बाद भाजपा यानी मोदी सरकार को बहुत बड़ा झटका लगा है और इसके चलते बीजेपी कार्यालय में मायूसी की लहर दौड़ गई. अब मोदी सरकार जो बात बहुत सालों से कर रही है कि हर बेरोजगार को नौकरी और जब तक नौकरी नहीं मिलती तब तक एक रकम उन्हें सैलेरी के तौर पर दी जाएगी उस योजना को बहुत जल्दी शुरु कर देगी. इस पर काम चल रहा है और अब सरकार देश की बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) लागू करने की योजना बना रही है. फिलहाल यह स्कीम देश के कई राज्यों में चल रही है.
अगर आप अभी तक बेरोजगार हैं तो घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि मोदी सरकार जाते-जाते एक बड़ा ऐलान करने वाली है जिसका लाभ आपको नये साल में मिलने की पूरी उम्मीद है. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं का साथ चाहते हैं क्योंकि उनके अनुसार भारत का एक बेहतर कल आज के युवा ही बना सकते हैं. इसलिए अब बिना समय गवाए मोदी जी एक बड़ा फैसला बहुत जल्दी सुना देंगे इससे हो सकता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें एक बड़ा फायदा मिल सके और वो कांग्रेस को सत्ता में आने से रोक सके.
क्या मतलब है UBI का ?
यूनिवर्सल बेसिक इनकम के तहत देश के हर नागरिक के खाते में बिना किसी शर्त और नियम के एक तय राशि ट्रांसफर की जाती है जिससे वह अपनी हर बेसिक जरूरतों को पूरा कर सकें. हमें प्राप्त जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार पिछले 2 सालों से इस योजना पर काम कर रही है और इस स्कीम को देश के लगभग 20 करोड़ लोगों तक पहुंचाने की संभावना तय कर रही है. कैबिनेट में इस पर चर्चा भी हुई है और आने वाले बजट में इसे पेश करने की पूरी उम्मीद की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार आम चुनावों से पहले इस स्कीम को लागू करेगी और यह लाभ किसे मिले इसपर अभी विचार विमर्श चल रहा है. उम्मीद है ये लाभ ना सिर्फ बेरोजगार, गरीबों को दिया जाएगा बल्कि गरीब किसानों को भी दिया जाना चाहिए.