नोटबंदी के दौर पर एक बेहतरीन मिसाल, महज़ 1100 रूपये में पूरी की अपनी बेटी की शादी
नोटबंदी के बाद से देश में बड़ा ही तनाव का माहौल चल रहा है। जिधर देखो कुछ विरोधी लोग प्रधानमंत्री के इस कदम की निंदा करते हुए दिख जाते हैं, वही कुछ लोग हैं जो इस कदम को क्रनिकारी कदम बता रहे हैं। उनका मानना है कि इससे देश में आने वाले समय में बड़ा बदलाव होगा। खैर इसकी उम्मीद तो सबको ही है, कि आने वाले समय में देश में बदलाव तो होगा ही।
बैंकों के पास शादी वाले लोगों को देने के लिए पैसे नहीं थे:
नोटबंदी के बाद से सभी लोग पैसे के लिए लाइन में लग रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत उनको हुई, जिनके घर शादी थी। जनता को होने वाली इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने यह ऐलान किया था कि जिनके घर शादी है, उनको एक बार में 2.5 लाख निकालने की छूट होगी। हालांकि इसका लाभ बहुत ही कम लोगों को मिला है, क्योंकि ग्रामीण इलाकों के बैंकों में किसी को 4 हजार देने के लिए भी पैसे नहीं हैं, ऐसे में वो किस तरह से 2.5 लाख देंगे।
शादियों में दिखावे पर होता है ज्यादा खर्च:
आप तो जानते ही हैं कि भारत में शादियों के समय में कितना खर्च किया जाता है। यहाँ शादी के ऊपर होने वाले खर्च से ज्यादा दिखावे पर खर्च किया जाता है, जिसका कोई मतलब नहीं होता है। नोटबंदी के बाद होने वाली शादियों में दिखावा बहुत ही कम देखने को मिल रहा है। आपको बता दें बिहार के कटिहार जिले में एक ऐसी शादी हुई जिसमे मात्र 1100 रूपये खर्च हुए हैं। आप सुनकर हैरान मत होइए, यह बिलकुल सच्ची घटना है।
मात्र 1100 रूपये में हुई शानदार शादी:
दरअसल कटिहार के मनसाही प्रखंड में गुरुवार को एक शादी हुई, जिसमे दुल्हन के पिता ने केवल 1100 रूपये ही खर्च किये। यहीं के रहने वाले योगेन्द्र साहनी ने अपनी बेटी सरस्वती की शादी के बारे में बहुत सपने देखे थे। उनकी बेटी की शादी इसी गाँव के मुंशी साहनी के बेटे राजा साहनी से तय हुई थी। लेकिन उनके सपने तब टूट गए जब 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा हुई। उन्होंने सोचा की अब कैसे होगी लड़की की शादी।
लड़के वालों ने दी बड़ी राहत:
यह बात जब लड़के के पिता को पता चली तो उन्होंने कहा कि हमें कुछ भी नहीं चाहिए, लेकिन शादी तय तिथि पर ही होगी। यह बात सुनकर योगेन्द्र की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। शुरुआत में तो यह शादी मजबूरी में हो रही थी, लेकिन होने के बाद यह एक मिसाल बन गयी। इस शादी में ना ही पंडित थे और ना ही ज्यादा बाराती। शादी केवल 2 घंटे में ही संपन्न हो गयी। आये हुए मेहमानों का स्वागत चाय और लड्डू से किया गया।
इससे ख़त्म हो सकती है दहेज़ की समस्या:
दुल्हन का कपड़ा 350 रूपये का था और दुल्हे का 400 रूपये का। 400 रूपये में ही चाय और लड्डू का इंतजाम हो गया। कुल मिलकर 1150 रूपये में शादी संपन्न हो गयी। शादी में आये हुए सभी लोग खुश थे, उन्होंने इसकी तारीफ़ भी की। लोगों का कहना है कि अगर ऐसे ही शादियाँ होने लगे तो दहेज़ की समस्या बहुत जल्दी ही ख़त्म हो जाएगी। यह सबकुछ नोटबंदी की वजह से ही संभव हो सका है।