रामायण की ये चौपाई स्नान करने के तुरंत पश्चात बोल दें 5 बार, जीवन कि हर ख्वाहिश हो जाएगी पूरी
हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख दो ग्रंथ माने गए हैं इन्हीं दो ग्रंथों में से एक रामायण है रामायण के अंदर जीवन का एक अलग चित्रण देखने को मिलता है रामायण इस बात को बताती है कि किस प्रकार अंत में बुराई पर अच्छाई की ही जीत होती है दरअसल रामायण एक राज परिवार और राजवंश की कहानी है जो पति पत्नी भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के आपसी रिश्ते के आदर्श पर निर्धारित है वैसे देखा जाए तो हिंदू धर्म को मानने वाला हर परिवार अपने बच्चों को एक ग्रंथ के विषय में जरूर जानकारी देता है और टीवी पर रामायण जरूर देखता है हिंदू संस्कृति ना सिर्फ रामायण को मानती है बल्कि रामायण में जो सीख बताई गई है उन सभी को अपने जीवन में भी उतारती है रामायण मनुष्य के जीवन का सार बताती है इसके साथ ही यह बहुत से महत्व को भी दर्शाती है जिनको अगर हम अपने जीवन में अपनाते हैं तो हमारा जीवन सफल और स्थिर हो जाएगा।
रामायण में जो बातें बताई गई है यह सभी मनुष्य को अपने जीवन में जीने की कला और इसके साथ ही मान मर्यादा और आदर्श को भी बताती है अगर आप रामायण के दोहे चौपाई और छंद के बारे में जानेंगे तो आपको ऐसा प्रतीत होगा कि यह हमारी जिंदगी से ही लिखी गई है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रामायण के एक ऐसे चौपाई के विषय में बताएंगे अगर आप नहाने के पश्चात 5 बार केवल इस चौपाई का जाप करते हैं तो इससे आपका जीवन सफल हो जायेगा यह चौपाई ऐसी है जिसका अगर आपको सपना आ जाए तो आपके जीवन के सभी संकट दूर हो जाएंगे आपका विवेक और इमानदारी हमेशा बनी रहती है।
चौपाई
जो प्रभु दीनदयाला कहावा। आरति हरन बेद जस गाबा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीनदयाल बिरद संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
उपरोक्त जो चोपाई लिखी हुई है यह चौपाई ऐसी है जिसको अगर आप स्नान करने के पश्चात 5 बार बोल दे तो आपका भाग्य खुल जाएगा, धन की देवी माता लक्ष्मी जी हमेशा आपके साथ निवास करेगी और इसके साथ ही आपकी बुद्धि विवेक हमेशा बनी रहेगी आपका सभी बुरा समय दूर होगा और आपके जीवन में हमेशा शुभ घड़ी बनी रहेगी आप किसी भी गलत मार्ग पर नहीं जाएंगे आप हमेशा ईमानदारी का साथ देंगे आपका मन कार्यों में लगेगा और सफलता आपके पीछे दौड़ी दौड़ी आएगी।
दरअसल, रामायण मनुष्य को जीने का सही तरीका बताती है रामायण में सबसे बड़ी सीख यह है कि हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है और बुराई हमेशा पराजित होती है इस ग्रंथ के अंदर हमको अच्छी संगति के महत्व के बारे में बताया गया है इसके साथ ही इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अपने आराध्य के चरणों में बिना किसी संदेह के अपने आप को समर्पित कर देना चाहिए अगर हम उनके चरणों में समर्पित हो जाएंगे तो हमें मोक्ष की प्राप्ति होगी और जन्म मरण से छुटकारा प्राप्त होगा एक अच्छा आचरण और अपने बड़ों और छोटों को सम्मान देना रामायण के अंदर बताया गया है सबके साथ एक समान व्यवहार करने की भी सीख दी गई है।