400 किलोमीटर की ऊंचाई से भी साफ दिखाई देती है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, तस्वीरें हुईं जारी
दुनिया में बहुत सी चीजें हैं जो स्पेस से दिखाई देती हैं और ऐसा सिर्फ अमेरिका में स्थित नासा ही बता सकती है कि किन-किन चीजों को स्पेस से देखा जा सकता है. वैसे दुनिया के तीन ऐसे स्ट्रक्चर्स हैं जो स्पेस से बिल्कुल साफ दिखाई देते हैं जिसमें चीन की दीवार, दुबई में बना पाम आइलैंड और मिस्र में बना ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा शामिल है लेकिन अब इन सबमें सबसे पहला नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का आ गया है जो भारत के अहमदाबाद में नर्मदा नदी के पास बनाया गया है. ऐसा बताया जाता है कि यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ती है, ये मूर्ति आजादी की लड़ाई लडऩे वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की है जो उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में बनाई गई थी. 400 किलोमीटर की ऊंचाई से भी साफ दिखाई देती है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जानिए इस मूर्ति के बारे में कुछ बातें और कौन सी चीजें हैं जो स्पेस से दिख सकती है.
400 किलोमीटर की ऊंचाई से भी साफ दिखाई देती है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में नर्मदा नदी के पास स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया था. सरदार पटेल की यह प्रतिमा गुजरात के केवड़िया में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरवर बांध पर लगाई गई है जो लगभग 8 किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाती है. ये मूर्ति पिछले पांच सालों से बन रही है और यह दुनिया की सबसे कम समय में बनने वाली पहली मूर्ति है जिसे बनाने में लगभग 2990 करोड़ रुपये लगे हैं. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की फोटो जारी करने वाली अमेरिकी कंपनी स्काईलैब है. साल 2017 में इसरो ने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करने का कीर्तिमान बनाया और तब इनमें 88 डव सैटेलाइट स्काईलैब कंपनी ही थीं. सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का उद्घाटन किया गया जो 597 फीट ऊंची है यानी 305 फीट के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई से भी दो गुनी ऊंची है. इसके साथ ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उन कुछ मैनमेड स्ट्रक्चर में से एक बन गई है जो पृथ्वी के ऊपर से भी दिखाई देती है. दुबई के तट पर बना पाम आइलैंड, चीन की दीवार और मिस्र का ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा गी ऐसे आदमी के द्वारा बनाए गए स्ट्रेक्चर्स हैं जो स्पेस से बिल्कुल साफ नजर आते हैं.
अमेरिका के कमर्शियल सैटेलाइट नेटवर्क प्लैनेट ने शुक्रवार को 182 मीटर यानी 597 फीट ऊंची है और यह तस्वीर अंतरिक्ष से ली गई है. ये फोटो एक ट्वीट के जरिए शेयर की गई है जौ 15 नंबर को 400 किलोमीटर की ऊंचाई से खींची गई है. ये स्टैच्यू बहुत ही ऊंची है और इसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताई जा रही है
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