तो इस वजह से लगता है सूर्यग्रहण, जानें इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: ग्रहण एक ऐसी खगोलीय अवस्था होती है जिसमें कोई खगोलिय पिंड जैसे कोई ग्रह या उपग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तब कुछ समय के लिए प्रकाश का अवरोध हो जाता है और उसी क्रिया को ग्रहण कहते हैं। (Grahan 2019/ Surya Grahan 2019/ chandra grahan 2019)
बता दें कि पृथ्वी में दो तरह के ग्रहण लगते हैं
1. चंद्रग्रहण
2. सूर्यग्रहण
1. चंद्रग्रहण (chandra Grahan)
इस ग्रहण में चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। और ऐसी स्थिती में चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है , बता दें कि ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन संभव होता है।
2. सूर्यग्रहण (Surya Grahan)
इस ग्रहण में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते हैं। बता दें इस ग्रहण में चाँद, पृथ्वी और सूर्य के बीच होने की वजह से चाँद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है, बता दें कि ऐसा अक्सर अमावस्या के दिन होता है।
ग्रहण के प्रकार
बता दें कि ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं आंशिक ग्रहण, पूर्ण ग्रहण और वलयाकार ग्रहण
पूर्ण ग्रहण
पूर्ण ग्रहण तब होता है जब खगोलिय पिंड जैसे पृथ्वी पर प्रकाश पूरी तरह अवरुद्ध हो जाये।
आंशिक ग्रहण
आंशिक ग्रहण की स्थिती में प्रकाश का स्रोत पूरी तरह अवरुद्ध नहीं होता है।
वलयाकार ग्रहण
वलयाकार ग्रहण में चन्द्रमा पृथ्वी के काफ़ी दूर रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है अर्थात चन्द्र सूर्य को इस प्रकार से ढकता है, कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है जिससे सूर्य के बाहर का हिस्सा प्रकाशित होता है और चमकता हुआ दिखाई देता है। कंगन आकार में बने ग्रहण को ही वलयाकार ग्रहण कहा जाता है।
बता दें कि हिंदू धर्म में ग्रहण को धर्म और मान्यता से जोड़कर माना गया है और इसको लेकर कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वैज्ञानिक इसे अलग नजरिए से देखते हैं। तो चलिए अब आपको बताते हैं कि धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण का अर्थ-
ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण को देवी -देवताओं के लिए अशुभ माना जाता है। ग्रहण के समय सभी मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया जाता है। और ग्रहण के समय को सूतक कहा जाता है इस समय पर खाना खाने को मना कर दिया जाता है, हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन करने की मनाही कर रखी है ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय में कीटाणु फैलते हैं जो हर चीज को दूषित करते हैं। इसलिए इस वक्त खाने की मनाही होती है।
ऋषि-मुनियों ने ग्रहण के समय खाने-पीने की सभी चीजों पर पात्रों के कुश डालने को कहा है, ताकि सब कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद फेंका जा सके। इसके साथ ही ग्रहण के बाद स्नान करने का भी विधान है ऐसा इसलिए किया गया है जिससे ग्रहण के समय शरीर के अंदर ऊष्मा का प्रवाह बढ़े, और कीटाणु नष्ट हो जाएं और धुल कर बह जाएं।
ग्रहण को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं जिसमें बताया गया है कि ग्रहण क्यों होता है
पौराणिक कथानुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों के साथ अमृत पान के लिए विवाद हुआ तो इसको सुलझाने के लिए मोहनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। जब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहू ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया।
इसी कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और राहु चंद्रमा को तथा केतु सूर्य को ग्रसता है।
ग्रहण को लेकर वैज्ञानिक अर्थ
विज्ञान के अनुसार ग्रहण एक प्रकार की खगोलीय घटना है। जिसमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। बता दें कि चाहे ग्रहण का कोई आध्यात्मिक महत्त्व जो भी हो लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए यह अवसर किसी उत्सव से कम नहीं होता। क्यों कि ग्रहण ही वह समय होता है जब ब्राह्मंड में अनेकों विलक्षण एवं अद्भुत घटनाएं घटित होतीं हैं जिससे कि वैज्ञानिकों को नये नये तथ्यों पर कार्य करने का अवसर मिलता है।
2019 में कुल पांच ग्रहण लग रहे है : 3 सूर्य ग्रहण और 2 चन्द्र ग्रहण
Surya Grahan – सूर्य ग्रहण 2019
- पहला सूर्य ग्रहण (1st surya Grahan)- 6 जनवरी , 2019
- दूसरा सूर्य ग्रहण(2nd surya Grahan) – 2 जुलाई , 2019
- तीसरा सूर्य ग्रहण(3rd Surya Grahan)- 26 दिसम्बर , 2019
- इसके अलावा 2018 में 2 पूर्ण चंद्रग्रहण थे पहला 31 जनवरी को और दूसरा 27-28 जुलाई को था।
Chandra Grahan – चन्द्र ग्रहण 2019
- पहला चन्द्र ग्रहण- 21 जनवरी , 2019
- दूसरा चन्द्र ग्रहण- 16 जुलाई , 2019
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