तमिलनाडु पंहुचा चक्रवाती तूफान “गाजा”,प्रशासन ने अलर्ट किए बचाव और सुरक्षा टीम
तमिलनाडु के तट पर चक्रवाती तूफान गाजा आ चुका है। रात के करीब 1 बजकर 40 मिनट पर यह तूफान तट से टकराया है। यह तूफान नागापट्टिनम के करीब लैंडफॉल किया है। इस दौरान हवा की रफ्तार 90-100 किमी प्रतिघंटा दर्ज की गई है।तमिलनाडु और पुड्डचेरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। भारी बारिश की आशंका है और साथ ही आज स्कूल-कॉलेज बंद कर दिया गया है। प्रशासन को इस तूफान की पहले से ही खबर थी ऐसे में सुरक्षा से सभी इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं।
प्रशासन है अलर्ट
बता दें कि प्रशासन ने राहत और बचाव टीम को अलर्ट रखा है। नागापट्टनम जिले में अब तक 1313 लोगों को राहत केंद्रो में भेज दिया गया है। इसके साथ ही निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। अगर यह तूफान आगे बढ़ता है तब भी ज्यादा से ज्यादा जान बचाई जा सकें।
स्कूल-कॉलेज बंद
तमिलनाडु सरकार ने पहले ही 30,500 बचावकर्मी इस तुफान से निपटने के लिए तैयार किए हैं। तिंजौर, कुड्ड्लूर, रामनाथपुरम, पुडुकोट्टई, तिरुवरुर में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। चक्रवाती तूफान के कारण पहले ही यह स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय जल आयोग ने बांधों पर लगातार नजर रखने की सलाह दी है।
जिन जगहों पर गाजा से प्रभावित होने की संभावना है वहां पर इस वक्त जोरदार बारिश हो रही है।राज्य सरकार तूफान में आने वालों जिलों के लिए पहले से ही भरपूर सुरक्षा कर ली है और 76,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इधर कुछ वर्षों से दक्षिण भारत में तूफान का असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। गाज से पहले आ चुके हैं यह तूफान।
तितली
अभी कुछ समय पहले चक्रवाती तूफान तितली ने भी दक्षिण में भारी तबाही मचाई थी। तितली के चलते ओडिशा के गोपालपुर में सतह पर हवा की रफ्तार 126 किमी प्रति घंटा थी।तितली का असर सिर्फ ओडिशा तक सीमित नहीं था। इसके असर से मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी बारिश हुई थी।तितली से ट्रेन सेवाएं भी काफी प्रभावित थीं।
ओखी
दक्षिण भारत में ओखी ने भी भंयकर तबाही मचाई थी। ओखी तुफान कोलंबो से होता हुआ कन्याकुमारी, तिरुवंनतपुरम, कोजीकोड, कोच्चि तक पहुंच गया था। ओखी की वजह से जानमाल का भंयकर नुकसान हुआ था। इस तूफान ने तमिलनाडु, केरल और लक्ष्यदीप के कई हिस्सों को प्रभावित किया था।तुफान के चलते चेन्नई, मदुरई, कन्याकुमारी और दूसरे स्कूलों को बंद कर दिया गया था।
हुदहुद
उत्तर आंध्र प्रदेश और विशाखापत्तनम औऱ गोपालपुर के बीच सटे ओडीशा के तट को पार करने की वजह से हुदहुद चर्चा में आ गया था।इस चक्रवाती तुफान में हवा की गति 130 किमी प्रति घंटा थी। हुदहुद ने इससे पहले अंडमान और निकोबार में बहुत तबाही मचाई थी।वहां पर करीब 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले विशाखापट्टनम से सीधे टकरा गई थी।
क्या होता है चक्रवाती तूफान
चक्रवाती तूफान विशाल वायु राशि के घूर्णनशील यानी स्पिनिंग उष्णकटिबंधिया चक्रीय बवंडर होते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में इन्हें हरिकेन या फिर टाइकून कहते हैं।दक्षिणी अर्द्धगोलार्ध में इन्हें चक्रवात या साइक्लोन कहते हैं। यह चक्रवाती तूफान कोरियोलिस इफेक्ट की वजह से पैदा होते हैं।सबसे दिलचस्प बात यह है कि गोल गोल घूमते हुए बंवडर का केंद्र शांत होता है जिसे चक्रवात की आंख यानी ऑई ऑफ द स्टार्म कहते हैं। इनमें हवाओं की रफ्तार सैकड़ों किलोमीटर प्रतिघंटा होती है और इनका दायरा हजारों किमी से अधिक होता है।