नोटबंदी से नाराज़ लोगों ने BJP नेता ‘हर्षवर्धन’ को पीटा! जानिए क्या है इस वायरल ख़बर की सच्चाई!
नई दिल्ली – नोटबंदी की तमाम ख़बरों के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर एक विडियो ख़ूब वायरल हो रहा है। इस वीडियों में भीड़ सफ़ेद कुर्ता पहने हुए एक व्यक्ति को पीटते हुए दिख रही है और पुलिसकर्मी उस व्यक्ति को बचाने की पूरी कोशिश करते दिख रहे हैं। लेकिन भीड़ द्वारा मारे जा रहे व्यक्ति को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बताया जा रहा है। इस घटना की जगह बताई जा रही है दिल्ली और पिटाई कि वजह नोटबंदी बताई जा रही है। इस घटना को लेकर इस प्रकार के कई दावे एक नहीं बल्कि अलग-अलग कई पोस्टों व विडियो में किए गए हैं। bjp leader Harshvardhan beaten by people.
देखें इस वीडियो को लेकर किस प्रकार कि अफवाह फैलाई जा रही है –
इस फ़ेसबुक पोस्ट में इस वीडियो के बारे में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल में एक बैंक के सामने ग़ुस्साए लोगों ने बीजेपी के नेता की पिटाई कर दी। यह भी कहा गया है कि देश में नोटबंदी की वजह से हालात गंभीर होते जा रहे हैं और लोग हिंसक होते जा रहे हैं। सरकार को इस मुद्दे को और गंभीरता से लेना चाहिए।
यानी इस पोस्ट मुताबिक़ लोगों के इस ग़ुस्से की वजह नोटबंदी है। अब यह दूसरा पोस्ट देखिए –
इस यूट्यूब विडियो को 25 नवंबर को अपलोड किया गया जिसके टाइटल में बताया गया है कि दिल्ली के एक बैंक के बाहर नाराज़ लोगों ने बीजेपी सांसद हर्षवर्धन की पिटाई कर दी।
अब यह तीसरा पोस्ट देखिए –
इस पोस्ट में बताया गया है कि नोटबंदी के फ़ैसले का विरोध करने पर अहमदाबाद में एक कांग्रेस नेता कि लोगों ने पिटाई कर दी।
दरअसल, इसी विडियो पर अलग-अलग तरीकों से अलग-अलग अफवाहें फैलाई जा रही हैं और ऐसे कई विडियो आपको और मिल जाएंगे। लगभग सभी विडियो नोटबंदी के मुद्दे के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं और उसे इस घटना की वजह बताते हैं। लेकिन सच्चाई तो यह है कि इस विडियो का नोटबंदी से कोई लेना-देना नहीं है।
यह है इस वायरल वीडियो की सच्चाई –
गौरतलब है कि इस विडियो को यूट्यूब पर 19 अक्टूबर 2016 को ही अपलोड कर दिया गया था। विडियो में बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह विडियो 19 अक्टूबर को अपलोड हुआ और नोटबंदी का फ़ैसला 8 नवंबर को आया। यानी कि इस विडियो को लेकर लोगों से झूठ बोला गया और तरह-तरह कि अफवाहें फैलाई गई। शायद आपको याद होगा कि बीते 19 अक्टूबर को ही केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और उनके क़ाफ़िले पर तृणमूल कांग्रेस के लोगों द्वारा हमला किए जाने का मामला सामने आया था। यह विडियो भी उसी दिन अपलोड किया गया था। एक न्यूज़ चैनल पर इस वीडियो को उसी घटना से जोड़कर दिखाया भी गया था।
देखें क्या है इस वीडियो का सच –
https://youtu.be/c0TnF4SP02A
वीडियो देखने से साफ़ है कि इस विडियो का नोटबंदी के किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि 8 नवंबर के ऐलान से कई दिन पहले यह घटना हो चुकी थी। वीडियो में पिट रहा व्यक्ति भी बीजेपी के नेता हर्षवर्धन जैसा नहीं लगता। ‘अहमदाबाद’ और ‘कांग्रेस’ वाली बात भी झूठी है। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने भी ट्वीट कर अपनी सफ़ाई दी है कि इस विडियो में दिख रहा शख़्स वे नहीं हैं।
इस पूरे मामले में हमारी निजी राय है कि वैचारिक रूप से कमज़ोर लोग ही इस तरह की अफवाहों और झूठ का सहारा लेते हैं।