जानें 7 ऐसे महापुरुषों के बारे में जिन्हें अमरत्व प्राप्त है, आज भी हैं जिन्दा :देखें वीडियो!
पृत्वी की शुरुआत से ही लोगों की यह इच्छा रही है कि वह हमेशा के लिए जियें, लेकिन जैसा कि सभी लोग जानते हैं प्रकृति का एक नियम है, जो आया है उसे जाना ही पड़ता है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो कई हज़ार सालों से जीवित हैं। वो किसी ना किसी रूप में हमारे और आपके बीच में हैं। इन्हें अमरत्व मिला हुआ है। आज हम आपको 7 ऐसे महापुरुषों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अमरत्व मिला हुआ है। इनमे से किसी को अमरत्व, वरदान के रूप में मिला हुआ है तो किसी को अभिशाप के रूप में। आइये जानते हैं कौन हैं वो 7 महापुरुष?
*- अश्वस्थामा:
अश्वस्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र हैं, इन्हें अमरत्व वरदान के रूप में नहीं बल्कि अभिशाप के रूप में मिला था। दरअसल महाभारत के युद्ध में इन्होने द्रौपदी के 5 निर्दोष पुत्रों की हत्या कर दी थी। इसके क्रुद्ध होकर श्री कृष्ण ने उन्हें श्राप दिया था कि श्रृष्टि के अंत तक वह जीवित रहेंगे और अपने किये हुए का कर्ज चुकायेंगे। उन्हें ना ही कोई प्रेम करेगा और ना ही कोई उनसे बात कर सकेगा। यह इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं जो महाभारत युद्ध के बाद से अब तक जिन्दा हैं। कुछ लोगों का दावा भी है कि उन्होंने अश्वस्थामा को देखा है।
*- महाबली:
इनके बारे में तो आपने सुना ही होगा कि यह अपने समय के सबसे बड़े दानी पुरुष थे। एक बार भगवान विष्णु ने उनकी परीक्षा लेने के लिए उनसे तीन पग जमीन की माँग की। ये तैयार हो गए और जमीन देने लगे। भगवान विष्णु ने दो ही पग में सारी श्रृष्टि को नाप दिया तीसरे पग के लिए महाबली ने अपना सर आगे कर दिया। यह देखकर भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें अमरत्व का वरदान दे दिया।
*- हनुमान:
हनुमान जी भी अमर हैं, उन्होंने रामायण काल में भगवान राम का साथ दिया था एवं उनकी सेवा की थी और महाभारत काल में वे अर्जुन के रथ के ध्वज पर सवार थे। वह अर्जुन के ध्वज पर उनकी शक्ति को बढ़ाने के लिए थे। हनुमान जी को यह वरदान माँ सीता ने दिया था।
*- परशुराम:
इन्हें भी अमरत्व का वरदान मिला हुआ है। परशुराम एक बहुत शक्तिशाली योद्धा और माहिर गुरु थे। ये रामायण काल से लेकर महाभारत काल तक अपने लीलाओं को दिखा चुके हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि ये कर्ण और भीष्म के गुरु थे। कल्कि पुराण के अनुसार परशुराम ही कल्कि अवतार के गुरु होंगे।
*- कृपाचार्य:
कृपाचार्य के बारे में मतभेद है, कुछ लोग कहते हैं कि इन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ था और कुछ कहते हैं कि नहीं मिला हुआ था। कृपाचार्य महाभारत में कौरवों और पांडवों दोनों के गुरु थे। लेकिन युद्ध में वो कौरवों की तरफ से लड़े थे, क्योंकि उन्हें अपना राज धर्म निभाना था।
*- महर्षि वेदव्यास:
महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी और वे स्वयं महाभारत के एक पात्र थे। इनका वर्णन रामायण से लेकर सतयुग तक है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ था।
*- विभीषण:
विभीषण रावण के छोटे भाई थे, इन्होने रामायण में अपने दुष्ट भाई का साथ ना देकर राम का साथ दिया था। ये महाभारत काल में भी उपस्थित थे, इन्होने राजसूय यज्ञ के समय पांडवों का निमंत्रण स्वीकार किया था।
इससे यह पता चलता है कि इन सातों महापुरुषों को अमरत्व का वरदान मिला हुआ था और ये आज भी हमारे बीच किसी ना किसी रूप में मौजूद हैं। आप ज्यादा जानकारी के लिए वीडियो भी देख सकते हैं।