जानिए एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां बैज्ञानिकों की विज्ञान हवा हो जाती है .. देखें वीडियो!
आप तो जानते ही हैं कि आज का युग वैज्ञानिक युग है। विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है और कई ऐसी चीजों की खोज कर ली है, जिसके बारे में इंसान पहले कल्पना भी नहीं करता था। इतनी तरक्की के बाद भी विज्ञान प्रकृति के कुछ रहस्यों को सुलझाने में नाकाम हो जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा रहस्य है, जिसको वैज्ञानिक सुलझा नहीं सके हैं?
हम आपको बता दें कि हम एक मंदिर की बात कर रहे हैं, वो केवल एक मंदिर नहीं है बल्कि एक चमत्कारी मंदिर है।
जमीन पर नहीं पड़ती मंदिर के गुम्बद की छाया:
इसकी भव्यता, वास्तुशिल्प और चमत्कार देखने के लिए दुनियाँ के कोने-कोने से लोग आते हैं। आपको बता दें हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं उसका नाम है “बृहदेश्वर मंदिर” और यह तमिलनाडु में स्थित है। इस मंदिर की सबसे ख़ास बात यह है कि इस मंदिर के गुम्बद की छाया जमीन पर पड़ती ही नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? तो हम आपको बता दें, इस मंदिर का निर्माण तन्जावुर कला के अंतर्गत किया गया था।
चोल वंश के राजा ने करवाया था निर्माण:
इस मंदिर को कुछ ही सालों पहले यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है। इस मंदिर का निर्माण चोल वंश के राजा ने सन 1010 में करवाया था। एक बात और हैरान करने वाली है कि इस मंदिर को ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है और मंदिर जहाँ स्थित है वहाँ से सैकड़ों-सैकड़ों मील तक ग्रेनाइट की कोई खान नहीं है।
आज तक वैज्ञानिक इस मंदिर के रहस्य को सुलझा नहीं सके हैं, कि आखिर क्यों इस मंदिर के गुम्बद की छाया जमीन पर नहीं पड़ती है।
मंदिर के गुम्बद पर स्थित है स्वर्ण कलश:
इस मंदिर के गुम्बद को 80 टन के एक पत्थर से बनाया गया है, और उसके ऊपर एक स्वर्ण कलश रखा हुआ है। मंदिर का नाम उस समय सही प्रतीत होता है, जब कोई इस मंदिर के अन्दर जाता है। मंदिर के अन्दर एक विशालकाय शिवलिंग स्थापित की गयी है, जिसे देखने के बाद सही लगने लगता है कि इस मंदिर का नाम बृहदेश्वर ही होना चाहिए था। आप भी वीडियो में मंदिर की विशेषताओं के बारे में देख सकते हैं।