जानिए: किस वजह से जीबी रोड के सेक्स वर्कर्स का बिजनेस हुआ ठप?
नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने के हालिया फैसले से कुछ अन्य वर्गों के साथ ही सेक्स वर्कर्स की आजीविका भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। नोटबंदी के बाद से जीबी रोड पर रोज रहने वाली हलचल गायब है। पुरानी दिल्ली के इस फेमस रेड लाइट एरिया में धंधा मंदा पड़ा हुआ है और सेक्स वर्कर्स को पिछले एक सप्ताह से कस्टमर नहीं मिल रहे हैं। Business down on gb road.
GB रोड रेड लाइट एरिया पर ग्राहक घटे –
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर की आधी रात से 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद दिल्ली के जी. बी. रोड रेड लाइट एरिया में ग्राहकों की आवक कम होने के साथ-साथ सेक्सवर्करों द्वारा की गई उनकी बचत अभी फिलहाल किसी काम की नहीं है। नोटबंदी के कारण ग्राहकों कि संख्या में काफी कमी हो गई है। जी.बी. रोड रेडलाइट एरिया की अधिकतर सेक्स वर्कर्स के पास बैंक खाता नहीं है और इसलिए वह अपनी इस बचत के उपयोग को लेकर असमंजस में है।
कैश आधारित है जीबी रोड का यह धंधा –
गौरतबल है कि जीबी रोड पर चलने वाला जिस्मफरोशी का धंधा कैश पर चलता है इसलिए नोटबंदी के बाद इस पर बुरा असर पड़ा है। जीबी रोड में लगभग 4500 सेक्स वर्कर्स हैं जिनके लिए करेंसी के अभाव में गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। खैराती लाल जो पिछले 50 साल से भी ज्यादा समय से सेक्स वर्कर्स की जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सेक्स वर्कर्स अब दूसरी नौकरियों की तलाश कर रही हैं।