कभी डॉलर से भी आगे रहने वाला रुपया से जुड़ा इतिहास, इन तस्वीरों में देखिए रुपये की जर्नी
पैसा इंसान की जरूरत होता है इसके बिना व्यक्ति एक कदम भी कहीं नहीं जा सकता और आज के समय में पैसों के बल पर ही इंसान की पहचान होती है. मगर महंगाई इंसान को बदहाल कर चुकी है, क्योंकि एक डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़ता जा रहा और इसी वजह से रुपया की हालत खराब होती जा रही है. भारतीय करेंसी को सबसे प्राचीन माना जाता है, इसका इतिहास लगभग 25000 साल पुराना है और तब से आज तक करेंसी ने अच्छे और बुरे मौंको को देखा है. आज के समय 1 डॉलर की कीमत 74 रुपये हो गई है और इस वजह से महंगाई, अंतराष्ट्रीय बाजार में हो रहे बदलाव और फॉरन रिजर्व का कम हो जाना रुपया के बढ़ने के अंदर ही आता है. मगर क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी के समय एक रुपये के बराबर एक डॉलर हुआ करता था. कभी डॉलर से भी आगे रहने वाला रुपये का इतिहास , इसे जानने के बाद आपको भारतीय करेंसी के बारे में पता चलेगा. history of rupess in hindi
कभी डॉलर से भी आगे रहने वाला रुपये का इतिहास
अक्सर आपने रुपया और डॉलर की लड़ाई को कई जगह देखा होगा और इंटरनेशनल मार्केट में भी इसका बहुत असर होता है. जहां आज के समय में डॉलर के मुकाबरे रुपया बढ़ता जा रहा है इससे विदेशियों को फायदा और भारतीयों को नुकसान ही हो रहा है. मगर आपको बता दें कि ऐसा हमेशा नहीं रहा है, अगर आप इसी बात को आज़ादी से लेकर अब तक देखें तो रुपया ही बढ़ा है जबकि डॉलर का हाल वहीं का वहीं रहा है.
आज़ादी से पहले साल 1917 में एक रुपया 13 डॉलर के बराबर था. (history of rupees in 1917 in hindi)
साल 1947 में जब देश स्वतंत्र हुआ तब रुपया और डॉलर बराबर थे.(history of rupees in 1947 in hindi)
साल 1951 में जब पहली पंच-वर्षीय योजना लागू हुई तब एक डॉलर 4 रुपये के बराबर था. (history of rupees in 1951 in hindi)
साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था डगमगाई और 1 डॉलर 7 रुपये के बराबर हो गया. (history of rupees in 1962 in hindi)
साल 1975 में जब आपातकाल लागू हुआ तब एक डॉलर की क़ीमत 8 रुपये थी. (history of rupees in 1975 in hindi)
साल 1985 में जब हमारा व्यापार घाटा बढ़ा, तब रुपया एक डॉलर के मुकाबले 12 रुपये के स्तर तक गिर गया था. (history of rupees in 1975 in hindi)
साल 1991 में हुए खाड़ी युद्ध और विकास दर कम होने के चलते एक डॉलर की क़ीमत 17.90 रुपये हो गई. (history of rupees in 1991 in hindi)
साल 1993 में जब भारत सरकार ने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई, तब एक डॉलर के बदले 31 रुपये देने पड़ते थे.(history of rupees in 1993 in hindi)
साल 2000 से साल 2006 के बीच रुपये में उतार चढ़ाव जारी रहा और इसकी वेल्यु 1 डॉलर के मुकाबले 40-48 रुपये थी.(history of rupees in 2002-2006 in hindi)
साल 2008 में पूरा विश्व आर्थिक मंदी के चपेट में आया. तब रुपया गिरकर 51 के स्तर तक पहुंच गया. (history of rupees in 2008 in hindi)
साल 2013 में भारत विदेशी कर्ज़ का बोझ 409 अरब डॉलर है. तब एक डॉलर का एक्सचेंज रेट 65 रुपये के बराबर हो गया था. (history of rupees in 2013 in hindi)
साल 2018 में बढ़ती बेरोज़गारी और अमेरिकी शेयर बाजार में आई मज़बूती रुपये की कमी तोड़ दी और आज हमें एक डॉलर के बदले 74 रुपये देनी पड़ती है.ये था रुपये का इतिहास, उम्मीद है आप को यह इतिहास पसंद आया होगा (history of rupees in 2018 in hindi)
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