स्वास्थ्य

चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati) का सेवन दिलाएगा कई बीमारियों से मुक्ति, नहीं होगी समस्याए

अनियमितता और भाग-दौड़ वाली लाइफ होने के कारण शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है, ऐसे में चंद्रप्रभा वटी एक ऐसी औषधि है जिसका उपोयग बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है, यह औषधि शरीर को कई तरह से रोगों से बचाती है।स्त्री-पुरूष या किसी भी आयु में इस औषधी का उपयोग काफी लाभकारी होता है। चंद्रप्रभा वटी (chandraprabha vati) दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें चंद्र का अर्थ होता है चंद्रमा और प्रभा का मतलब होती है चमक अर्थात ये एक ऐसी दवा है जिसके सेवन से शरीर को चमक, बल और शक्ति मिलती है।

चंद्रप्रभा वटी
चंद्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी के उपयोग से शरीर कई तरह की बीमारियों से रोग मुक्त हो जाता है। यह औषधि गुर्दे की पथरी, मूत्राशय, मूत्र पथ, बार बार पेशाब आना, पेशाब में रूकावट, प्रोस्टेट बढ़ना, अग्नाशय, हड्डियों, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, पुरूषों में बांझपन, नंपुसकता, स्वपन दोष, मधुमेह, महिलाओं की समस्याओं के साथ मानसिक रोगों के इलाज में भी काफी लाभकारी होती है। तो चलिए आपको बताते हैं चंद्रप्रभावटी से होवे वाले फायदे, इसकी संरचना और उपयोग के बारे में। (benefits, usage and composition of chandraprabha vati in hindi)

इन औषधीय गुणों से मिलकर बनी है चंद्रप्रभा वटी (Ingredients of Chandraprabha Vati in hindi)

चंद्रप्रभा वटी पूरी तरह से औषधियों से मिलकर बनी औषधि है, आपको बताते हैं इसको बनाने में किन-किन औषधियों का इस्तेमाल हुआ है।

शुद्ध गुग्गुलू 96 ग्राम
शुद्ध शिलाजीत 96 ग्राम
मिश्री 48 ग्राम
लोह भस्म 24 ग्राम
काली निशोथ 12 ग्राम
दन्तीमूल 12 ग्राम
बंसलोचन या तबाशीर 12 ग्राम
तेजपत्र 12 ग्राम
दालचीनी 12 ग्राम
छोटी इलायची के बीज 12 ग्राम
कपूर 3 ग्राम
वच 3 ग्राम
नागरमोथा – मुस्तक 3 ग्राम
चिरायता 3 ग्राम
गिलोय – गुडूची 3 ग्राम
देवदारु 3 ग्राम
अतिविषा – अतीस 3 ग्राम
दारुहल्दी 3 ग्राम
हल्दी 3 ग्राम
पीपलामूल 3 ग्राम
चित्रक 3 ग्राम
धनिया 3 ग्राम
हरड़ 3 ग्राम
बहेड़ा 3 ग्राम
आमला – आंवला 3 ग्राम
चव्य 3 ग्राम
विडंग 3 ग्राम
गजपीपली 3 ग्राम
काली मिर्च 3 ग्राम
पिप्पली 3 ग्राम
शुंठी 3 ग्राम
स्वर्णमाशिक भस्म 3 ग्राम
स्वर्जिका क्षार (सज्जी क्षार) 3 ग्राम
यवक्षार 3 ग्राम
सैंधव लवण 3 ग्राम
सौवर्चल लवण 3 ग्राम
विड लवण 3 ग्राम

चंद्रप्रभा वटी की निर्माण विधि

घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है चंद्रप्रभा वटी (chandraprabha vati) को इसके लिए ऊपर दिए गए सभी तत्वों को पीसकर आपस में मिला कर पाउडर बना लें उसके बाद इसमें घी मिलाकर 500 ग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना लें।

चंद्रप्रभा वटी के खाने के फायदे (Chandraprabha Vati Benefits in Hindi)

चंद्रप्रभा वटी के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ है. इसके सेवन से बहुत सी बीमारियां दूर हो जाती हैं. इसको खाने से शरीर में सदैव ऊर्जा बनी रहती है और जिन लोगों को तनाव से जुडी समस्या हैं उन्हें भी चंद्रप्रभा वटी का सेवन करना चाहिए. आइये चंद्रप्रभा वटी के फायदे विस्तार से जानते हैं –

चंद्रप्रभा वटी
चंद्रप्रभा वटी

यूरिक एसिड

चंद्रप्रभावटी गठिया और बढ़े हुई यूरिक एसिड की बहुत अच्छी और लाभकारी दवा है, इसमें उपयोग किए गए तत्व गूगुल, गिलोय और पुनर्नाव चूर्ण बढ़े हुए यूरिक एसिड के लेवल में सुधार करता है।साथ ही यह गुर्दे की कार्यशैली में सुधार करती है जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है। और पढ़ें – गिलोय के औषधीय गुण.

शरीर में स्फूर्ति

चंद्रप्रभावटी का सेवन नियमित रूप से करने पर शारीरिक शक्ति बढ़ती है, जिससे थकान कम होती है, फुर्ती बनी रहती है। इसका उपयोग स्वस्थ टॉनिक के रूप मे किया जाता है।

तनाव

चंद्रप्रभावटी का सेवन से शारीरिक और मानसिक थकान दोनों में काफी लाभदायक होता है, साथ ही यह तनाव को भी कम करती है।

स्मरण शक्ति

चंद्रप्रभावटी स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी काफी लाभदायी होती है, यदि आप बच्चों को इसका नियमित सेवन कराते हैं तो इससे उनकी स्मरण शक्ति काफी बढ़ जाएगी।

जोड़ों में दर्द

चंद्रप्रभा वटी के सावन से घुटनो के दर्द,जोड़ो के दर्द और पैरों में सूजन को कम करने में काफी लाभदायी होती, इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो दर्द को कम करने में लाभदायी होते हैं।

महिलाओं के लिए लाभकारी

चंद्रप्रभावटी का उपयोग महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी  होता है, इसमें पाए जाने वाले तत्व महिलाओ के हार्मोन को संतुलित रखने में सहायक होते हैं, इसको बनाने में उपयोग किए गए तत्व अदरक, कालीमिर्च, पीपल, लौहभस्म पीरियड्स में होने वाली समस्याओं को ठीक करते हैं। इसका सेवन पीरियड्स के समय होने वाले दर्द, ऐठन को भी कम करती है। पीरियड्स के दर्द में ऐलोपेथिक दर्दनिवारक दवा नुकसान पहुंचा सकती है लेकिन चंद्र प्रभावटी के उपयोग से किसी प्रकार का कोई साइड एफेक्ट नहीं होता।

गर्भाशय का आकार

महिलाओं को पीरियडिस के दौरान ज्यादा रक्तस्त्राव की समस्या हो जाती है जिसका एक कारण गर्भाशय के आकार का बढ़ना माना जाता है। यदी आप चंद्रप्रभा वटी को कचनार गूगल के साथ इसका सेवन करती हैं तो इससे बढ़े हुए गर्भाशय का आकार सामान्य हो जाता है।

गर्भ का ठहराव

चंद्रप्रभा वटी एक गर्भाशय टॉनिक भी है, इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गर्भाशय को रोकने के लिए अत्यधिक लाभदायक होते हैं। यदि किसी महिला को बार बार गर्भपात हो जाता है जिसकी वजह से गर्भपात काफी कमजोर होता है, ऐसे में चन्द्रप्रभा वटी को अश्वगंधा चूर्ण के साथ मिलाकर इसका सेवन करने से गर्भाशय को ताकत मिलती है।

बार-बार पेशाब आना

चंद्रप्रभा वटी में कई ऐसी औषधियों का प्रयोग किया जाता है, जो पेशाब संबंधी परेशानियों जैसे बार-बार पेशाब आना जैसी समस्या में सहायक होती है, इसका सेवन बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़े हुए आकार को कम  करता है, जो इस समस्या का मूल कारण होता है।

पौरूष शारीरिक कमजोरी

चंद्रप्रभा वटी में पाए जाने वाली औषधि पुरुषो में होने वाली प्रजनन अंगो संबंधी समस्याओ के लिए लाभदायी होती हैं। इसका सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है जिससे शारीरिक कमजोरी भी ठीक हो जाती है। चंद्रप्रभा वटी को अश्वगंधा चूर्ण और कौच पाक के मिलाकर सेवन करना ऐसी परेशानियों में काफी लाभदायी होता है।

गुर्दे की पथरी

गुर्दे में पथरी होने पर चंद्रप्रभावटी का सेवन काफी लाभदायक होता है, चंद्रप्रभा वटी मे कई ऐसी औषधियां होती है जो गुर्दे में पथरी बनने से रोकती हैं।

मूत्राशय संक्रमण

मूत्राशय में सूजन, संक्रमण या जलन होना ऐसी किसी भी परेशानी में चंद्रप्रभा वटी का सेवन काफी लाभदायी होता है, चंद्रप्रभावटी को चंदनासव के साथ लेने से ऐसी परेशानियों में काफी लाभदायी होती हैं।

उच्च रक्तचाप

चंद्रप्रभा वटी में पाई जाने वाली कई औषधियां उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखती हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्व बढ़े हुए रक्तचाप को कम करने और ह्रदय को ताकत प्रदान करते हैं।

ग्लाइकोसुरिया (मूत्र में शर्करा)

चंद्रप्रभा वटी के उपयोग से ग्लाइकोसुरिया (मूत्र में शर्करा की उपस्थिति) के लिए लाभदायी औषधि है। इसके सेवन से मूत्र में असामान्य ग्लूकोज की उपस्थिति को कम होता है।

कैसे करें चंद्रप्रभा वटी का सेवन ((How to use Chandraprabha Vati)

चंद्रप्रभा वटी (chandraprabha vati) का सेवन में दिन में दो से तीन बार ही करना चाहिए, ऐसे में इसकी मात्रा का विशेष धय्ना रखना चाहिए अर्थात पूरे दिन में 1000 मिलीग्राम से 2000 मिलीग्राम तक। यदि इसकी मात्रा का आप ध्यान नहीं रखेंगे तो इसका प्रभाव कम पाएंगे।

औषधीय मात्रा

बच्चे 1 गोली (500 मिलीग्राम)
व्यस्क 2 गोली (1000 मिलीग्राम)

सेवन विधि

कब करें दवा का सेवन? मूत्र, गर्भाशय, प्रजनन अंग संबंधित रोगों में खाना खाने के 1/2 घंटे पहिले लें या अन्य रोगों में खाना खाने के बाद लें।
दिन में कितनी बार लें? 2 बार – सुबह और शाम
किस के साथ लें? गुनगुने पानी या दूध के साथ
कितने समय तक करें सेवन चिकित्सक की सलाह लें

(दवा को लेने से पहले उससे चिकित्सक की सलाह जरूर लें)

चंद्रप्रभा वटी के दुष्प्रभाव (Chandraprabha Vati Side Effects in Hindi)

पूरी तरह से औषधीय इस दवा के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं लेकिन इसमे लोहे की मात्रा होने के कारण इसे पेट के अल्सर, थैलेसीमिया जैसी बीमारी  से ग्रसित व्यक्ति को नहीं लेना चाहिए।

आप ने पढ़ा चंद्रप्रभा वटी (chandraprabha vati) के उपयोग से होने वाले लाभ,औषधीय गुण और दुष्प्रभाव के बारे में, हमारे पिछले आर्टिकल पर हम ने हिमालया कॉनफिडो टेबलेट के बारे में बताया है जो पुरुषों के लिए बेहद चमत्कारी है, आप भी पढ़ें ये लेख हिमालया कॉनफिडो टेबलेट

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