जानिये प्रेगनेंसी के लक्षण और रोकने की दवा, घर पर कैसे कर सकते हैं प्रेगनेंसी टेस्ट
हर शादीशुदा कपल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर फैसला सोच समझकर लेता है। नई शादी और फिर फैमली प्लानिंग करना भी अपने आपमें चैलेंज है। ऐसे में नए दंपति फैमली प्लानिंग करने को लेकर काफी चिंतित रहती हैं। कई बार उनको समझ में भी नहीं आता की जिस स्टेप के तहत वो आगे बढ़ रहे थे। उसके करीब वो पहुंच गए है। कहने का मतलब ये कि प्लानिंग के मुताबिक वो माता पिता बनने की ओर बढ़ रहे हैं। इसका पता भी नहीं चल पाता। नए जोड़े के सामने अक्सर ये समस्या आती है क्योंकि उनको प्रेगनेंसी के लक्षणों के बारे में पता ही नहीं होता। ऐसे में कई कदम उठा जाते हैं, जिनको प्रेगनेंसी के पहले महीने में नहीं करना चाहिए। ऐसे में हम आज आपको प्रेगनेंसी के वो लक्षण बताने जा रहे है। जिनसे आप जान पाएगें की महिला को गर्भधारण हुआ है कि नहीं।
प्रेगनेंसी के लक्षण
1.पीरियड्स का मिस होना-प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण में सबसे पहला लक्षण होता है जब आपका पीरियड मिस हो जाता है।तो कभी भी आपका पीरियड मिस हो तो प्रेगनेंसी टेस्ट कर के कंफर्म कर लें।
2.क्रेविंग- किसी भी चीज का अचानक से खाने का मन हो जाना, ऐसे में गर्भवती महिला में किसी विशेष चीज के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है और हर वक्त वही खाने का दिल करने लगता है,या कोई ऐसी खाने की चीज जिसको आप पसंद नहीं करते थे और वो पसंद आने लगती है और उसको खाने का मन हो जाता है तो ये सभी प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि इस दौरान डेली डाइट अचानक से बढ़ जाती है।
3.शरीर का तापमान और मूड– यदि महिला गर्भवती है तो ऐसे में उसके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक रहता है, इतना ही नहीं इस अवस्था में मूड स्विंग्स भी होते हैं, समय-समय पर आपका मूड बदलता रहते है।कभी कोई भी बात पर आप कैसा भी रिएक्ट कर सकते हैं।साथ ही कभी कोई चीज अच्छी लगने लगती है तो कभी उसी चीज से नफरत भी हो जाती है।ये सभी प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं।
4.कब्ज की शिकायत हो जाना– प्रेगनेंसी की हालत में महिला के शरीर में हॉर्मोनल चेंज होते हैं जिसका आसर आपकी पाचन क्रिया पर भी , प्रेगनेंसी में पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है जिस वजह से अक्सर कब्ज की समस्या होती है।
5.सिर दर्द – प्रेगनेंसी की वजह से शरीर का ब्लड वॉल्यूम बढ़ने लगता है जिस वजह से सर में दर्द की समस्या बनी रहती है।ये प्रेगनेंसी के शूरूआती लक्षणों में से ही एक होता है।लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है इस परेशानी से निजात मिल जाता है।
6.जल्दी-जल्दी टॉयलेट जाना– प्रेगनेंसी के शूरूआत में महिलाओं पहले की तुलना में ज्यादा बार टॉयलेट जाने लगी हैं? क्योंकि प्रेगनेंसी से किडनी सक्रिय हो जाती है और यही वजह है कि बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है।
7.हैवी ब्रेस्ट– ब्रेस्ट का हैवी होना प्रेगनेंसी का एक सामान्य लक्षण हैं, दरअसल इस समय में ब्रेस्ट के टिशूज काफी संवेदनशील हो जाते हैं और शरीर में हो रहे हार्मोनल चेंज के चलते ब्रेस्ट में सूजन आने लगती है और भारीपन महसूस होने लगता है।
8.मितली आना और उल्टी होने जैसा लगना– प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में जी मिचलाना और मितली आना ये दोनों ही बहुत नार्मल सी बात होती है, कई बार किसी खाने की चीज की महक आपको अच्छी नहीं लगती है, तो कई बार मितली आने की वजह से खट्टा खाने का मन करता है।
9.पीठदर्द- प्रेगनेंसी की वजह से आपके पीठ में भी दर्द शुरू हो जाता है, और ये इसलिए होता है क्योंकि प्रेगनेंसी की वजह से लिग्मेंट्स लूज होते है, जिससे आपका वजन बढ़ने लगता है और आपकी बॉडी का पॉश्चर चेंज हो जाता है।
10.सुपर गंध- प्रेगनेंसी के वक्त महिला के सूंघने की क्षमता काफी बढ़ जाती है। ऐसे में किसी भी तेज गंध वाली चीजों, सामान व करकट आदि से दूर रहें। हमेशा अच्छी स्मैल वाले डिओ, परफ्यूम आदि का ही यूज करें, वरना आपको अंदर ही अंदर घुटन होने लगेगी।
प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है (what is pregnancy test)
ऊपर बताएं गए सभी लक्षण प्रेगनेंसी के ही हैं लेकिन आप प्रेगनेंट है कि नहीं इस बात की सही पुष्टि तभी होती है जब आप इसका टेस्ट कर के पूरी तरह से कंफर्म हो जाएं.
1.आप बाजार में मिलने वाले प्रेगनेंसी टेस्ट किट (गर्भावस्था जाँच किट) के ज़रिए घर पर ही गर्भावस्था की जाँच कर सकते हैं।
2.क्लिनिक जाकर मेडिकल प्रोफ़ेशनल से भी गर्भावस्था की जाँच करवाई जा सकती है।
3.घर पर आसानी से उपलब्ध होने वाली कुछ चीज़ों के ज़रिए भी आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं।
घर में कैसे करें प्रेगनेंसी टेस्ट
बता दें कि पहले के जमानों में जब इतने संसाधन मौजूद नहीं थे तो महिलाएं घर में ही प्रेगनेंसी टेस्ट करती थीं।तो चलिए आपको बताते हैं वो तरीके जिनसे आप घर में ही कर सकती हैं प्रेग्नेंसी टेस्ट-
ब्लीच
कुछ मात्रा में ब्लीच लेकर उसमें यूरिन सैंपल मिक्स करें। अगर इसमें बुलबुलें दिखाई दें तो ये आपके लिए अच्छी खबर हो सकती है।
टूथपेस्ट
टेबलस्पून किसी भी सफेद टूथपेस्ट को यूरिन सैंपल में मिक्स करें। इसका रंग ब्लू होने पर आपका टेस्ट पॉजिटिव होता है।
डेंडिलियन की पत्तियां
डेंडिलियन की पत्तियों को कुछ देर के लिए यूरिन में डाल दें। इसका रंग लाल होने पर आप समझ जाए कि आप प्रैग्नेंट है।
चीनी
एक बाउल में 3 टेबलस्पून चीनी डालकर उसमें फ्रेश यूरिन सैंपल डालकर मिक्स करें। अगर 5 मिनट बाद भी यूरिन में चीनी नहीं घुलती तो इसका मतलब आप प्रैग्नेंट हैं।
पाइन-सोल
बाजार से आसानी से मिलने वाले क्लीनर पाइन-सोल को यूरिन में मिक्स करें। कुछ समज बाद इसका रंग बदलना आपके गर्भवती होने की ओर इशारा करता है।
साबुन
साबुन को पानी में घोल कर उसमें फ्रेश यूरिन सैंपल मिक्स करें। इसमें बुलबुलों का बनना आपके टेस्ट के पॉजिटिव होनी की तरफ इशारा करता है।
कैंसे करें बाजार में मिलने वाली प्रेगनेंसी किट का सही इस्तेमाल
बाजार में मिलने वाली प्रेगनेंसी किट से भी आप प्रेगनेंट है कि नहीं इस बात का पता लगाया जा सकता है, लेकिन इसके सही परिणाम जानने के लिए जरूरी है कि आप इस किट का उपयोग सही से करें। प्रेगनेंसी किट से आने वाला रिजल्ट हमेशा 100 प्रतिशत सहीं नहीं होता है।
प्रेगनेंसी किट से जांच करने का सबसे सही समय होता है सुबह उठकर जाने वाली पेशाब के नमूने से निकलने वाला रिजल्ट के सही होने की संभावना सबसे अधिक होती है।प्रेगनेंसी टेस्ट किट से गर्भावस्था की जाँच करने के लिए, सुबह के पहले पेशाब के नमूने को एक छोटे पात्र में लेकर जाँच किट के साथ दिए गए ड्रॉपर से कुछ बूँदें, जाँच पट्टी पर बने खांचे में डालें। इसके बाद 5 मिनट तक इंतज़ार करें। आपको एक या दो हल्की या गहरी गुलाबी लकीरें दिखाई देंगी। इन रंगीन लकीरों का मतलब समझने के लिए जांच किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। इन निर्देशों के आधार पर आप टेस्ट के नतीजे का पता लगा सकती हैं और जान सकती हैं कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं।
प्रेगनेंसी रोकने की दवा
- नीम- प्रेगनेंसी रोकने के लिए नीम एक प्रभावी औषधी का काम करती है, नीम को स्पर्म मोटिलिटी को कम करने के लिए जाना जाता है। नीम उन शुक्राणुओं को कम करता है जो गर्भ ठहरने का काम करते हैं।। नीम के पत्ते, तेल और कैप्सूल गर्भ निरोधक के लिए प्रयोग होते है। अगर आपको गर्भवती होने की संभावना लग रही है तो नीम के पत्ते चबाए।
- नीम का तेल भी इसके साथ ही उपयोग किया जा सकता है, इसमें नीम के तेल को इंजेक्शन के द्वारा फेलोपियन ट्यूब और महिला के गर्भ को जोड़ने वाली जगह पर लगाते है। इससे सभी शुक्राणु खत्म हो जाते है पर इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
- पपीता- अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए पपीते का सेवन करना चाहिए, पपीते की तासीर गर्म होती है जिस वजह से ये गर्भ को ठहरने नहीं देता है।यदि आपको प्रेगनेंट होने की संभावना लग रही है तो अपने खाने में पपीते के सेवन को बढ़ा दें साथ ही इसका जूस भी पिएं।
- अदरक- अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने में अदरक भी काफी लाभकारी होता है, अदरक की भी तासीर गर्म होती है जिस वजह से इसका सेवन अधिक करने से पीरियड्स होने लगते हैं, अनचाहे गर्भ से बचने के लिए इसे प्राकृतिक गर्भ निरोधक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- हींग- हींग को पानी में मिला कर इसका सेवन करने से गर्भ नहीं रुकता और इसके साथ इस उपाय को करने पर रुका हुआ गर्भ भी निकल जाता है।
- गाजर- प्रेगनेंसी को रोकने के लिए गाजर भी एक घरेलू और लाभकारी उपाया है। बता दें कि ऐसे में आप गाजर के बीज का सेवन करें, आधे से एक चम्मच गाजर के बीजों को पानी में भिगों दे और भीगने के बाद इनका पेस्ट बनाकर इसका सेवन करें।
- सूखी अंजीर- अनचाहे गर्भ से बचने का एक आसान तरीका है। दिन में 2 बार अंजीर खाएं, अंजीर की तासीर भी गर्म होती है जिस वजह से ये प्रेगनेंसी को रोक देता है।
- बाजार में मिलने वाली गर्भनिरोधक गोलियों का/प्रेगनेंसी रोकने की दवा भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसके पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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