मायावती ने दिया राहुल गांधी बड़ा झटका, बोलीं ‘कांग्रेस कर रही है हमें कमजोर, इसलिए गठबंधन नहीं’
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों की हलचलें तेज़ हो चुकी हैं। शनिवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रमन सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। मायावती ने छत्तीसगढ़ चुनाव को आड़ में रखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव की नींव डाल दी है। मायावती ने देश की प्रमुख दो बड़ी पार्टियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में मोर्चा खोल दिया। शनिवार को जनता को संबोधित करते हुए मायावती ने मोदी और राहुल को आड़े हाथों लिया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
कांग्रेस पर वार करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने बीएसपी को कमज़ोर करना चाहा, जिसकी वजह से हमने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया। मायावती भले ही बात विधानसभा चुनाव की कर रही थी, लेकिन कहीं न कहीं उनका निशाना आम चुनावों को लेकर था। मायावती ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि वे 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। ऐसे में मोदी विरोधी टीम के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वे महागठबंधन की टीम को कैसे मजबूती से पेश करेंगें। दरअसल, अभी तक सियासी हलचलों पर नज़रे डाले तो महागबंधन बनने से पहले ही टूटता हुआ नज़र आ रहा है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार ने जनता से जितने वादे चुनावी रैली में किए थे, उसने एक भी वादा पूरा नहीं किया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि मायावती ने वादों को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा हो। जी हां, मायावती कई बार यह आरोप लगा चुकी हैं कि बीजेपी ने वादों के नाम पर जनता के साथ छलावा किया है। मायावती यही नहीं रूकी उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार बनने पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों, मजदूरों और व्यापारियों का विकास होगा। इसके साथ ही लोग स्वाभिमान के साथ जीवन जी सकेंगे।
बताते चलें कि मायावती ने इस दौरान कालाधन, नोटबंदी और जीएसटी ने जनता को परेशान किया। हमारी सरकार बनने पर प्रदेश में नक्सली गतिविधियां कम हो जाएंगी, क्योंकि जब दलित का विकास होगा, तो नक्सली अपने आप खुद ब खुद रास्ते पर आ जाएंगे। यूपी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि जब प्रदेश में दलित विरोधी सरकार होंगी, तो नक्सली गतिविधियां अपने आप बढ़ेंगी, ऐसे में इस बार सूबे में गठबंधन की सरकार का आना प्रदेश के लिए हितकारी होगा।