हाथ मिलाने के बजाय दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे हमारे पूर्वज? जानिए इसके फायदे
आज का समय बहुत अलग है. बहुत कम लोग ही हैं कि किसी के मिलने पर हाथ जोड़कर नमस्कार कहते हों. ज्यादातर लोग या तो Hi, Hello या हाथ मिलाकर लोगों का अभिवादन करते हैं, जो भारतीय सभ्यता का अंग नहीं बल्कि पश्चिमी संस्कृति की देन है. हम भारतीय अपने देश की परंपराओं को पुराना फैशन बोल-बोलकर खत्म करते जा रहे हैं और यहां विदेशियों के रीति-रिवाज को तवज्जों देने लगते हैं. मगर क्या ये सही है ? दूसरों की अच्छी चीजों को अपनाने के चक्कर में हम अपना सबसे बड़ी संस्कारों की पूंजी को खोते ही जा रहे हैं. हमारे पूर्वजों ने इस सभ्यता को शायद ही अपनाया हो, क्योंकि वे तो हाथ जोड़कर ही लोगों का अभिवादन करते थे, जिसका अलग ही मजा होता और भारतीय सभ्यता की खुशबू भी बरकरार रहती थी. हाथ मिलाने के बजाय दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे हमारे पूर्वज?, इस बारे में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करना अभिवादन करना अनेक रूपों में सही है और हाथ मिलाने से कुछ नुकसान हो सकते हैं.
हाथ मिलाने के बजाय दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम क्यों करते थे हमारे पूर्वज?
हाथ जोड़कर नमस्कार करने का फायदा के बहुत फायदे होते हैं अगर इस बात का अंदाजा अंग्रेजों को लग गया तो वे भी हाथ मिलाने की बजाए हाथ जोड़कर सबसे मिलने की परंपरा अपना लेगें. दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करने के दौरान दायां हाथ बाएं हाथ से जुड़ता है और शरीर में दाईं ओर झड़ा तो बांईं ओर पिंगला नाड़ी पाई जाती है. हाथों के मिलने पर ये नाड़ियां मिलती हैं जो माथे पर दोनों भौहों के बीच में ऊपर की तरफ सुषुम्ना नाड़ी से मिलती है. नमस्कार करते समय इन तीनों नाड़ियों का जब मिलन होता है तो हथेलियों पर दबाव पड़ता है, जिसेस ह्रदय चक्र और आज्ञा चक्र में सक्रियता आने लगती है. ऐसा होने से दिल से जुडी़ बीमारियां नहीं होती और व्यक्ति का मस्तिष्क भी अच्छे से काम करता है. ये एक अनोखा मगर सत्य कथन है अगर ये बात लोगों के मन में बैठ जाए तो दुनिया में सभी हाथ जोड़कर आने मेहमानों का अभिनंदन करने लगें.
क्यों नहीं मिलाना चाहिए किसी से हाथ ?
हमारे पूर्वज हमेशा कहा करते थे कि शरीर का एक-दूसरे से स्पर्श हुए बिना ही अभिवादन की प्रक्रिया को पूरी की जा सकती है क्योंकि हर शरीर का अपना एक ओरा मंडल होता है. जब कोई किसी से हाथ मिलाकर उऩका अभिनंदन करता है और एक-दूसके का हाथ मिलता है तो वे अपने ओरा मंडल में अनावश्यक रूप से दूसरे को घुसपैठ करने का अवसर देने लगते हैं जो एक तरफ से सही नहीं माना जाता है.
हाथ मिलाने से दो शरीरों की ऊर्जा आपस में टकराती है, और जिसका विपरीत प्रभाव ना सिर्फ शरीर पर पड़ता है बल्कि मस्तिष्क पर भी पड़ने लगता है. इसका एक कारण ये भी होता है कि जब हम किसी से हाथ मिलाते हैं तो हम ये नहीं जान पाते हैं कि व्यक्ति किस बीमारी से संक्रमित है. हाथ मिलाने के बाद अनजाने में हम भी उस बीमारी के बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमित होने लगते हैं जिससे वे संक्रमित होते हैं. इसलिए अगर आप किसी से मिलने पर हाथ मिलाने की बजाए जोड़कर उनका अभिवादन करेंगे तो ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद भी होगा और सामने वाले को बुरा भी नही लगेगा.