पति की लंबी उम्र ही नहीं इन कारणों से भी लगाती है महिलाएं सिंदूर, जानिए क्यों भरी जाती है मांग?
एक चुटकी सिंदुर की कीमत सिर्फ विवाहित स्त्रियां अच्छे से जानती हैं। हिंदू धर्म में शादी के बाद हर महिला अपनी मांग में सिंदूर लगाती है, जिसके पीछे की सामान्य वजह तो यही है कि महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सिंदूर लगाती हैं। यह तो धार्मिक नज़रिये से कारण हुआ, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, जिन्हें बेहद कम लोग जानते हैं। शादी के वक्त ही महिलाओं की मांग में उनके पति सिंदूर भरते हैं, लेकिन आजकल सिंदूर लगाने की परंपरा धीरे धीरे कम होती जा रही है। मॉर्डन जमाने की महिलाएं या तो सिंदूर बहुत हल्का लगाती हैं या फिर नहीं लगाती है। तो चलिए जानते हैं कि सिंदूर लगाने के पीछे की वजह क्या है, जानिए क्यों भरी जाती है मांग ( kyun bhari jaati hai maang ) ?
सुहागन के 16 श्रृगांर में एक चुटकी सिंदुर अखंड सौभाग्य होने की निशानी मानी जाती है। इसलिए महिलाओं को शादी के बाद सिंदूर लगाने की सलाह दी जाती है और यह सिंदूर तभी हटता है, जब किसी कारणवश उसके पति की मौत हो जाती है। हिंदू धर्म में मांग भरना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि सदियों से ही इसके पीछे वैज्ञानिक वजह भी चली आ रही है। तो चलिए अब हम आपको इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों से रूबरू कराते हैं –
धार्मिक मान्यता ( kyun bhari jaati hai maang )-
हिंदू धर्म के अनुसार हर विवाहित स्त्री को सिंदूर लगाना चाहिए, क्योंकि इससे उनके पति की लंबी उम्र होती है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य कारण हैं –
1. सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक, अभागिनी स्त्री के दोष से निपटने के लिए महिलाओं को सिंदूर लगाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा एक विवाहित स्त्री कितनी भी क्यों न सजी धजी हो, बिना सिंदूर लगाए उसकी खूबसूरती नहीं निखरती है, इसलिए यह सौंदर्य के नजरिये से भी ठीक माना जाता है।
2.पुराणों में लाल रंग के जरिए सती और पार्वती के ऊर्जा को दर्शाया गया है। सती को हिंदू धर्म की सबसे आदर्श पत्नी माना जाता है, क्योंकि इन्होंने अपने पति के अपमान के खातिर अपनी जान दे दी थी। इसलिए हिंदू धर्म की मान्यता है कि सिंदूर लगाने से माता पार्वती खुद महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं।
3.सिंदूर को लक्ष्मी माता का प्रतीक माना जाता है और इसलिए इसे महिलाओं के सिर पर सजाया जाता है, ताकि हर घर में लक्ष्मी माता की कृपा बरसती रहे।
वैज्ञानिक मान्यता –
सिंदूर लगाने के पीछे सिर्फ धार्मिक मान्यता ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक मान्यता भी है। तो चलिए जानते हैं कि सिंदूर लगाने के पीछे की वैज्ञानिक मान्यता क्या है –
जब भी किसी लड़की की शादी होती है, तो उसके कंधो पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ जाता है और इसकी वजह से उनमें तनाव की मात्रा पहले की तुलना में बढ़ जाता है, इसलिए उन्हें सिंदूर लगाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, सिंदूर में पारा यानि मर्करी होता है, जोकि तनाव को कम करने में सहायक होता है। पारा एक तरल धातु है, जिससे मस्तिष्क की नसे एकदम शांत रहती है और इससे महिलाए तनाव मुक्त रहती हैं। इसके अलावा शादी के बाद महिलाओं को नींद न आने की समस्या से भी गुजरना पड़ता है, ऐसे में सिंदूर इन सभी बीमारियों को दूर कर महिलाओं को तनाव मुक्त जीवन जीने में मदद करता है।