चुनावी माहौल में अखिलेश का बड़ा बयान “महागठबंधन की जिम्मेदारी राहुल के कंधों पर”
आगामी नवंबर-दिसंबर में चार राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। चुनावों को लेकर नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं। इसी कड़ी मेंं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश के शहडोल का दौरा किया और एक अहम बयान देते हुए कहा कि एक ही विचारधारा के लोग एकसाथ कैसे आएं, इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस की है।
प्रदेश मेें चुनाव को लेकर कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अखिलेश ने कहा कि एक ही विचारधाराओं वाले लोगों को साथ लाने की पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के मुखिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मध्यप्रदेश में एक साथ चुनाव लड़ेंगे। वहीं जिन इलाकों मेंं पिछले विधानसभा में ज्यादा वोट प्रतिशत वहां एसपी चुनाव लड़ेगी।
अखिलेश ने राज्य की बीजेपी सरकार पर साधा निशाना- अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश में चले आ रहे शिवराज सिंह चौहान के सरकार को निशाना बनाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में लंबे अरसे से चली आ रही सत्ता ने गरीब महिलाओं, आदिवासियों, किसानों और नौजवानों का हक छीन कर उन्हें पीछे ढकेला है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ परिवर्तन लाने का काम करेगा।
क्या कहा अखिलेश यादव ने- मध्यप्रदेश के शहडोल में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से देश पिछले साढ़े चार साल में पीछे चला गया है। नोटबंदी के बारे में अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी से लोग सिर्फ परेशान हुए, इससे न महंगाई पर लगाम लगी और न ही आतंकवाद पर।
गठबंधन के कवायद में अखिलेश- 2019 के आम चुनावों के लिए गठबंधन के फिराक में जुटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। बीजेपी लंबे समय से राज्य में सत्ता में है। इसलिए बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए सपा ये चाहती है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन हो जाए। उनकी इस मंशा का पता इस बात से चलता है कि उन्होंने अपने एक बयान में कहा एक विचारधारा के लोगों को साथ लाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है।
महागठबंधन पर अभी भी सस्पेंश- अखिलेश यादव यूपी में पिछला विधानसभा कांग्रेस गठबंधन के साथ लड़े लेकिन बुरी तरह हार मिली थी। अखिलेश यादव हमेशा से महागठबंधन के हिमायती रहे हैं। लेकिन अभी इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि मायावती और कांग्रेस ये बात कह चुके हैं कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए वे गठबंधन को तैयार हैं।