यूपी की राजनीति में बड़ी हलचल, नई पार्टी के साथ अगले लोकसभा में उतरेंगे शिवपाल यादव
शिवपाल यादव अगले लोकसभा चुनाव में नई पार्टी के साथ चुनाव लड़ेंगे। शिवपाल यादव की नई पार्टी के लिए चुनाव आयोग में अर्जी दे दी गई है। अपने करीबी नेताओं के साथ बैठक में शिवपाल यादव ने अपने पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी रखने का निर्णय किया है। शिवपाल यादव को अपनी पार्टी के नाम के लिए कई नाम सुझाए गए। जिनमेंं से एक लोहिया समाजवादी पार्टी भी था, लेकिन पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी रखने पर सहमति बन पाई। समाजवादी पार्टी में पारिवारिक झगड़ों के चलते पार्टी से अलग हुए शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने का निर्णय किया है।
अभी समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के नेता हैं शिवपाल- अभी शिवपाल यादव समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के नेता बनकर दौरा कर रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही बैनर, झंडा और पार्टी का नाम बदल जाएगा। शिवपाल चक्का चुनाव निशान चाहते हैंं। अगर ये नहीं मिलता है तो उनके समर्थकों ने कार या बाइक जैसे चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन किया है। माना जा रहा है कि शिवपाल जल्द ही अपनी नई पार्टी का एलान कर देंगे।
समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा फैल रहा तेजी से- शिवपाल यादव लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं, माना जा रहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से नाराज चल रहे लोगों को वे जोड़ रहे हैं। और कई जगहों पर दफ्तर भी खुले हैं। और लगातार लोग शिवपाल यादव से जुड़ रहे हैं।
क्या ये अखिलेश यादव के लिए हैं खतरा- अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव पार्टी से अलग हो गए हैं। उन्होंने अपनी नई पार्टी तैयार कर ली है। और कहा जा रहा है कि ये पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ेगी। शिवपाल यादव, मायावती से गठबंधन को लेकर भी संपर्क में हैं। और कहा जा रहा है कि अन्य कुछ पार्टियों से भी संपर्क साधने की कोशिश हो रही है।
ऐसे में ये नई पार्टी अखिलेश यादव के लिए खतरा हो सकती है। क्योंकि अगर मायावती से शिवपाल यादव का गठबंधन हो जाता है तो ये अखिलेश के लिए बड़ा झटका होगा। क्योंकि अखिलेश और मायावती के गठबंधन ने गोरखपुर, फुलपूर लोकसभा सीटों में जीत हासिल की है। अब अखिलेश यादव ने कई बार ये संकेत भी दिए हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी वे मायावती की पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं। तो देखना दिलचस्प होगा कि मायावती क्या रूख अपनाती हैं।