राहुल गांधी ने रक्षामंत्री सीतारमण पर साधा निशाना और बताया उन्हें राफ़ेल मंत्री
कांग्रेस इस समय भाजपा के ऊपर लगातार हमला कर रही है। एक बार फिर से राफ़ेल डील को लेकर राहुल गांधी ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर हमला बोला है। बता दें राहुल गांधी ने राफ़ेल विमान सौदे का ठेका सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नहीं दिए जानें पर रक्षा मंत्री सीतारमण को अपने निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने इस मामले में ट्वीट करके सीतारमण पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। इसी के साथ ही राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री से इस्तीफ़े की भी माँग की है।
हाल भारत में ही बना सकती है राफ़ेल विमान:
एचएएल की पूर्व प्रमुख टीएस राजू के बयान से जुड़ी ख़बर ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, भ्रष्टाचार का बचाव करने का काम संभाल रही RM (राफ़ेल मंत्री) का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है। बता दें हाल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू ने उनके इस झूठ की कलई खोल दी है कि हाल के पास विमान बनाने की क्षमता नहीं है। राहुल गांधी ने हमला बोलते हुए कहा कि सीतारमण का रूख अस्थिर है। उन्हें इस्तीफ़ा देना चाहिए। पीटीआई के अनुसार राहुल गांधी ने जो ख़बर शेयर की है, उसके मुताबिक़ टीएस राजू ने कहा है कि हाल भारत में ही राफ़ेल विमानों को बना सकती थी।
हाल से कॉंट्रैक्ट लेकर दिया गया एक निजी कम्पनी को:
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने फ़्रांस की कम्पनी दसॉ से 36 राफ़ेल लड़ाकू विमानों की ख़रीद का जो सौदा किया है, वह बहुत ज़्यादा क़ीमत पर किया गया है। बता दें इन सौदे में अनियमितताओं के आरोपों की जाँच के लिए कांग्रेस कैग के दफ़्तर भी गयी थी। कांग्रेस के अनुसार इस सौदे में राफ़ेल विमानों के लिए यूपीए सरकार के दौरान किए गए सौदे से ज़्यादा रक़म दी जा रही है। इससे सरकारी ख़ज़ाने को हज़ारों करोड़ का नुक़सान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे हाल से कॉंट्रैक्ट लेकर एक निजी समूह की कम्पनी को दिया गया।
यूपीए के शासनकाल में ही कम होने लगी थी स्क्वार्डन की क्षमता:
आपकी जानकारी के लिए बता दें मंगलवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हाल के साथ डील क्यों नहीं की गयी, इसका जवाब यूपीए को देना चाहिए। उन्होंने केवल 36 विमानों की ही डील क्यों की, इसके जवाब में सीतारमण ने कहा कि स्क्वार्डन्स की आदर्श क्षमता 42 विमानों की ही है। यूपीए के शासनकाल में ही यह क्षमता कम होने लगी थी। 2013 में यह कम होकर 33 पर आ गयी थी। बता दें सीतारमण मंगलवार को ही हुई कांग्रेस नेता एके एंटनी की प्रेस कॉन्फ़्रेन्स का जवाब दे रही थीं।
एंटनी ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में यह सवाल उठाया था कि 136 राफ़ेल विमानों को ख़रीदने का प्रस्ताव था, तो इसे घटकर 36 क्यों किया गया? उन्होंने आगे कहा कि हमारी माँग पहले सी ही स्पष्ट है कि संयुक्त संसदीय समिति इस मामले की जाँच करे। एंटनी ने आगे कहा कि यूपीए शासनकाल के दौरान हाल मुनाफ़ा कमाने वाली कम्पनी थी। मोदी सरकार में ऐसा पहली बार हुआ है कि हाल को अलग-अलग बैंकों से लगभग 1000 करोड़ रुपए का क़र्ज़ लेना पड़ा।