सम्बोधन के आख़िरी दिन मोहन भागवत ने कहा अयोध्या में जल्द से जल्द बनना चाहिए राम मंदिर
नई दिल्ली: भारतीय राजनीति में अयोध्या राम मंदिर मामला सबसे ज्वलंत मुद्दा रहता है। हमेशा से ही हिंदू धर्म के समर्थकों को रिझाने के लिए राजनीतिक पार्टियाँ ख़ासतौर से भाजपा हर बार राम मंदिर निर्माण की बात करती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ था। भाजपा ने यह कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में जल्द से जल्द बनेगा, लेकिन ऐसा कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। अयोध्या राम मंदिर हिंदू आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसको लेकर काफ़ी समय से हिंदू और मुस्लिम संगठनों में विवाद चल रहा है।
हर सरकार करती है राम मंदिर की बात:
उत्तर प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी, तब भी उन्होंने राम मंदिर बनवाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक राम मंदिर निर्माण की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। राम मंदिर के बारे में हमेशा ही कोई ना कोई नेता बयान देता रहता है कि राम मंदिर का निर्माण अब से शुरू होगा या तब से शुरू होगा, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है। राम मंदिर के बारे में संघ प्रमुख ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस समय संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए दिल्ली आए हुए हैं।
अयोध्या में यथाशीघ्र बनाना चाहिए राम मंदिर:
राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शीघ्र होना चाहिए। बता दें मोहन भागवत ने यह सब संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के आख़िरी दिन एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में यथाशीघ्र होना चाहिए। मोहन भागवत ने इस मुद्दे पर वार्ता का समर्थन किया। इसके साथ ही भागवत ने कहा कि अंतिम निर्णय राम मंदिर समिति को करना है जो राम मंदिर के निर्माण के लिए अभियान की अगुवाई कर रही है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के बारे में कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम है कि राम मंदिर के लिए अध्यादेश जारी किया जा सकता है, क्योंकि वह सरकार का अंग नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि क्या अध्यादेश जारी किया जा सकता है और इसे क़ानूनी चुनौती मिल सकती है। ऐसे मुद्दों पर भी विचार किया जाना चाहिए। बता दें संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने संघ की नज़र में भारत क्या है, इसके बारे में भी चर्चा की।
फ़िल्मी हस्तियाँ भी शामिल हुई थी संघ के कार्यक्रम में:
मोहन भागवत ने तिरंगे से लेकर हिंदू मुस्लिम तक के ऊपर भी अपनी राय रखी। तिरंगे के बारे में उन्होंने कहा था कि संघ तिरंगे का सम्मान करता है, लेकिन संघ का गुरु भगवा है। वहीं हिंदू मुस्लिम के बारे में उन्होंने कहा था कि अगर आप चाहेंगे कि मुस्लिम ख़त्म हो जाए तो हिंदू भी ख़त्म हो जाएँगे। जानकारी के अनुसार संघ के इस कार्यक्रम में 700 से ज़्यादा लोग एकत्र हुए थे। इसमें से लगभग 90 प्रतिशत लोगों का सम्बंध संघ से नहीं था। इसमें राजनीतिक जगत से लेकर फ़िल्मी जगत तक की हस्तियाँ भी शामिल हुई थी।