SC/ST एक्ट में फंसे सीएम शिवराज चौहान, अजाक थाने में हुई शिकायत दर्ज क्या जेल जाएंगे शिवराज?
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2018 में एससी/एसटी ऐक्ट के तहत होने वाली तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी जिसके बाद 2 अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था और देशभर में कोर्ट के फैसले का विरोध किया था। जिसके बाद केन्द्र सरकार ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर इस फैसले पर रोक लगा दी थी। अभी हाल ही में सवर्णों ने भी 6 सितंबर को भारत बंद का ऐलान करके एससी/एसटी ऐक्ट का विरोध किया था। बता दें कि दोनों संगठनों की तरफ से हुए आंदोलन का केन्द्र मध्यप्रदेश रहा। एससी/एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने वाली केन्द्र सरकार अब खुद इसमें फंसती नजर आ रही हैं। खबर है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके एक मंत्री के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई हैं।
मध्यप्रदेश में अगले साल चुनाव होने वाले हैं इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। वह प्रदेश भर में जनआशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। हाल ही में जब वह 2 सितंबर को सीधी जिले में जनआशीर्वाद यात्रा निकाल रहे थे तो कुछ कांग्रेसी महिलाओं ने अपनी मांगों के लेकर उनका विरोध करना शुरू कर दिया और काले झंडे दिखाए जिसके बाद पुलिस ने उनको खदेड़ दिया।
अब अजाक थाना जिला सीधी मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हो गया है जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया है। शिकायत में मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उन्हें जातिसूचक शब्दो का प्रयोग कर अपमानित किया है और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रही महिलाओं की मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारीयों द्वारा पिटाई करवाई है। शिकायत में पुलिस अधिकारीयों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है जिन पर उन महिलाओं को धक्का देने और बाल पकड़कर खसीटने का आरोप हैं।
यह खबर सोशल मीडिया पर आते ही हंगामा मच गया। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी एससी/एसटी एक्ट के तहत सीधा जेल भेजा जाएगा और मामले की जांच बाद में होगी? लोग एससी/एसटी एक्ट का पालन करने की मांग कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति भी गर्मा गई है। एक तरफ ऊपर से विधानसभा चुनाव आ रहे हैं इसी बीच मुख्यमंत्री पर युं शिकायत दर्ज होने से राज्य की राजधानी में उथल-पुथल मच सकती हैं। शिवराज सरकार को दलितों के साथ साथ सवर्णों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। थोड़े दिन पहले शिवराज चौहान द्वारा आरक्षण पर दिये गये बयान से भी खूब हड़कंप मचा था उन्होंने एक पत्रकार से बात करते हुए कहा था कि आरक्षण को कोई मां का लाल नहीं हटा सकता।
अगर एससी/एसटी एक्ट की बात करें तो आपको बता दें कि इसमें आरोपी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होते ही एफआईआर दर्ज की जाती है और उसे तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता है उसके बाद ही मामले की आगे जांच की जाती हैं। जब तक जांच में व्यक्ति निर्दोष नहीं पाया जाता तब तक उसे हिरासत में रखा जाता हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इसी कानून में बदलाव करते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी और कहा था कि जब तक आरोपी का दोष साबित नहीं हो जाता उसे बिना किसी ऊपरी आदेश के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जिसे बाद में सरकार के दबाव के कारण यह फैसला बदलना पड़ा।