भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को बताए थे 5 रहस्य, जिसका पालन करके मनुष्य का बदल जाएगा जीवन
शिवपुराण में भगवान शिवजी से जुडी हुई ऐसी बहुत सी बातें बताई गई हैं जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है शिवपुराण के अनुसार देवी पार्वती माता सती का पुनर्जन्म थी राजा हिमावत और रानी मैना की बेटी पार्वती थी और पार्वती जी बचपन से ही भगवान शिव जी से विवाह करने की इच्छुक थी ऋषि मुनि नारद ने बचपन में ही इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी कि चाहे कुछ भी हो जाए परंतु पार्वती भगवान शिव जी से ही विवाह करेंगी जैसे जैसे पार्वती जी बड़ी होती गई वैसे वैसे इनका प्रेम भगवान शिव जी की ओर और भी अधिक बढ़ता गया था कई वर्षों की तपस्या के पश्चात और कई समस्याओं का सामना करने के बाद माता पार्वती का विवाह भगवान शिवजी से हो गया भगवान शिव जी ने माता पार्वती को समय-समय पर बहुत सी ज्ञान की बातें बताई थी जिन बातों के अंदर मनुष्य के सामाजिक जीवन से लेकर पारिवारिक और वैवाहिक जीवन की बातें भी शामिल थी।
भगवान शिव जी ने माता पार्वती को ऐसे पांच रहस्य बताएं हैं जो मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होते हैं जिन बातों का अगर मनुष्य अपने जीवन में पालन करता है तो उसका जीवन पूरी तरह से बदल सकता है और उसको अपने जीवन में कभी भी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा इसलिए इन बातों का हर मनुष्य को पालन अवश्य करना चाहिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भगवान शिव जी ने माता पार्वती को कौन से पांच रहस्य बताए थे इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।
आइए जानते हैं भगवान शिवजी ने माता पार्वती को कौन सी पांच बातें बताई थी
- भगवान शिव जी ने माता पार्वती को बताया था कि मनुष्य को अपने हर काम का साक्षी स्वयं ही बनना चाहिए चाहे मनुष्य अच्छा कार्य करें या फिर कोई बुरा कार्य करें मनुष्य को कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि उसके कर्मों को कोई नहीं देख रहा है बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो मन में गलत काम करते समय इस चीज़ की भावना अपने मन से बिल्कुल हटा देते हैं कि उनको कोई नहीं देख रहा है और इसी वजह से वह बिना किसी डर के गलत कार्य करते हैं परंतु सत्य कुछ और है मनुष्य अपने सभी कर्मों का साक्षी स्वयं होता है अगर मनुष्य अपने अंदर यह भावना रखता है तो वह अपने आपको हर गलत कार्य और पाप करने से रोक सकता है।
- सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़े पाप के बारे में माता पार्वती जी के द्वारा पूछे जाने पर भगवान शिव जी ने बताया है कि मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धर्म सच बोलना और सच का साथ देना है और सबसे बड़ा पाप झूठ बोलना और झूठ का साथ देना है इन्हीं सब कारणों से हर किसी व्यक्ति को अपने मन अपनी बातों और अपने कामों में उसी चीज को शामिल करना चाहिए जिस चीज में सच्चाई हो क्योंकि इससे बड़ा और कोई धर्म नहीं हो सकता, अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलता है या फिर झूठ का साथ देता है तो यह मनुष्य की बर्बादी की वजह बनती है।
- भगवान शिव जी ने सफल होने के लिए एक मंत्र बताया है भगवान शिव जी ने कहा है कि संसार में हर मनुष्य को किसी ना किसी मनुष्य वस्तु या परिस्थिति से प्यार होता है लगाओ और मोह एक ऐसा जाल होता है जिससे छुटकारा पाना बिल्कुल नामुनकिन रहता है जब तक मनुष्य इन सभी चीजों से छुटकारा नहीं पाएगा वह सफल नहीं हो सकता हर मनुष्य को अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं में अंतर समझना चाहिए और जो अनावश्यक इच्छाएं हैं उनको त्याग देना चाहिए और अपना जीवन शांति पूर्वक व्यतीत करना चाहिए।
- भगवान शिवजी माता पार्वती को बताते हुए कहते हैं कि लालच मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या है मनुष्य को हर चीज के पीछे भागने के बजाय शारीरिक बंधन और कर्म चक्र से छुटकारा पाने के लिए ध्यान और तपस्या करना चाहिए।
- भगवान शिव जी ने आगे बताते हुए कहा है कि कभी भी मनुष्य को अपने मन वाणी और कर्मों से बात करने की इच्छा नहीं करनी चाहिए क्योंकि मनुष्य जैसा काम करता है उसी के अनुसार उसको फल की प्राप्ति होती है इसलिए मनुष्य को कभी भी अपने मन में ऐसा विचार नहीं आने देना चाहिए जिनको धर्म ग्रंथों के अनुसार पाप की श्रेणी में रखा गया है ना ही अपने मुंह से ऐसी कोई बात निकाली नहीं चाहिए और ना ही ऐसे कोई कार्य करने चाहिए जिससे दूसरों को परेशानी का सामना करना पड़े अगर यह सभी पाप कर्म करता है तो उसको नर्क में यातनाएं झेलनी पड़ती है।