राजनीतिक गलियारे में राफ़ेल विमान के विवादों के बीच फ़्रांस के तीन राफ़ेल विमान पहुँचे भारत
नई दिल्ली: इस समय केंद्र में कांग्रेस पार्टी राफ़ेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधे हुए है। पूरे देश की राजनीति इस समय राफ़ेल विमान को लेकर गरमाई हुई है। ऐसे में पहली बार भारत के 3 राफ़ेल लड़ाकू विमान भारत पहुँचे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें ये तीनों राफ़ेल लड़ाकू विमान ग्वालियर एयरबेस पर अगले तीन दिन तक रहेंगे। इन विमानों पर भारतीय वायुसेना के पायलट ट्रेनिंग करेंगे। बताया जा रहा है कि फ़्रांस के ये लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया में एक अन्तर्राष्ट्रीय युद्धाभ्यास में शामिल होने गए थे।
भारतीय वायुसेना के पायलट आज़माएँगे राफ़ेल पर हाथ:
वहाँ से वापस आते समय भारत में आए और ग्वालियर में रुके हैं। आपको बता दें इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना ने भी हिस्सा लिया था। एक साझा अभियान के तहत भारतीय वायुसेना के पायलट ग्वालियर में राफ़ेल लड़ाकू विमान उड़ाएँगे। वहीं फ़्रांस वायुसेना के पायलट मिराज 2000 लड़ाकू विमानों पर अपना हाथ आज़माएँगे। इससे दोनों देशों के वायुसेना पायलटों के बीच एक अच्छा सम्बंध भी स्थापित होगा। ऑस्ट्रेलिया में हुए पिच ब्लैक युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट सुखोई-30 विमानों ने हिस्सा लिया था।
अगले साल सितम्बर से विमान भारत आने शुरू हो जाएँगे:
ग्वालियर एयरबेस पर आए राफ़ेल लड़ाकू विमानों पर रविवार से अभ्यास शुरू हो रहे हैं। इस अभ्यास के दौरान फ़्रांस वायुसेना के पायलट उन्नत मिराज 2000 विमान उड़ाएँगे जबकि भारतीय वायुसेना के पायलट फ़्रांस के आए राफ़ेल लड़ाकू विमानों पर अपना हाथ आज़माएँगे। आपको बता दें आने वाले दिनों में राफ़ेल लड़ाकू विमान भारत आने शुरू हो जाएँगे। इससे पहले यह अच्छा मौक़ा है कि भारतीय पायलटों को इस विमान को उड़ाने का थोड़ा अनुभव हो जाएगा। भारतीय वायुसेना को उम्मीद है कि सितम्बर 2019 यानी अगले साल तह 36 राफ़ेल लड़ाकू विमान देश में आने शुरू हो जाएँगे।
पूरे विमान आने में हालाँकि कुछ और समय भी लगेंगे। जो 36 राफ़ेल लड़ाकू विमान फ़्रांस से आएँगे उन्हें भारतीय वायुसेना की दो स्क्वाड्रन में बाँटा जाएगा। एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लोहा लेने के लिए हरियाणा के अंबाला में तैनात की जाएगी, जबकि दूसरा चीन की हिमाक़त का जवाब देने के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात की जाएगी। मोदी सरकार ने फ़्रांस सरकार के साथ 36 विमानों का ये सौदा 60 हज़ार करोड़ रुपए में किया था। जिसे लेकर पिछले काफ़ी समय से कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर निशाना साधे हुए है।
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने एक बिज़नेसमैन को फ़ायदा पहुँचाने के लिए डील में बदलाव किया है। कांग्रेस सरकार में विमानों की जो क़ीमत तय हुई थी, उससे कहीं ज़्यादा एक विमान के बदले पैसे दिए जा रहे हैं। राहुल गांधी राफ़ेल डील पर पिछले कई दिनों से सरकार पर हमला बोले हुए हैं। वहीं मोदी सरकार के मंत्री इस मामले में अपना बचाव करते नज़र आए हैं। आपको बता दें पीएम मोदी ने देश की बागडोर सम्भालने के बाद भारत की ताक़त को मज़बूत करने के लिए कई क़दम उठाए हैं।