महाभारत की इन महत्वपूर्ण बातों को अपनाकर व्यक्ति पा सकता है जीवन के हर क्षेत्र में सफलता
भारत में सदियों से धर्म को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। लोग धर्म के अनुसार ही अपना जीवन यापन करते हैं। हर धर्म में कुछ धार्मिक पुस्तकें हैं जो लोगों को ज्ञान देने का काम करती हैं, वैसे ही हिंदू धर्म में भी कई पुस्तकें हैं। इन्ही में से एक सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक है महाभारत। आपको बता दें महाभारत प्राचीनकाल के दो सबसे महत्वपूर्ण संस्कृत महाकाव्यों में से एक है। महाभारत में उस समय का इतिहास श्लोक के रूप में वर्णित किया गया है।
आपको बता दें वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत महाकाव्य में 1 लाख से ज़्यादा श्लोक हैं। महाभारत में ना केवल युद्ध के बारे में वर्णित किया गया है बल्कि विषम परिस्थितियों से ख़ुद को बाहर कैसे निकाला जाए, इसके बारे में भी बताया गया है। इसमें जीवन को मार्गदर्शन करने वाली कई बातें लिखी गयी हैं। महाभारत के पाठ के बाद आप ऐसी बातें पा सकते हैं, जिनको अपनाने के बाद आपको जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसमें संघर्ष और संयम का विशेष महत्व भी बताया गया है।
आप भी अपनाएँ महाभारत की ये महत्वपूर्ण बातें:
*- संघर्ष:
हर व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर किसी ना किसी चीज़ के लिए संघर्ष करना ही पड़ता है। महाभारत में भी यह बड़ा संदेश है कि जीवन में निरंतर संघर्ष चलता रहता है। महाभारत महाकाव्य में शुरुआत से लेकर अंत तक जीवन संघर्ष को दिखाया गया है। महाभारत में कहा गया है कि जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो मनुष्य को हार मानकर कभी बैठना नहीं चाहिए। संघर्ष ही मनुष्य को सफलता तक ले जाता है।
*- संयम:
महाभारत के कई पात्रों ने दूसरे की बात मानकर अपना नियंत्रण खो दिया और क्रोध में निर्णय ले लिया। इसके बाद उन्हें नुक़सान उठाना पड़ा। इससे सीख मिलती है कि निर्णय लेते समय भविष्य में पड़ने वाले उसके प्रभावों के बारे में ही सोचना चाहिए। कोई भी निर्णय विवेक और संयम से लेना चाहिए।
*- करने स्वयं पर यक़ीन:
हर व्यक्ति को ख़ुद पर यक़ीन करना बहुत ही ज़रूरी होता है। जो लोग ख़ुद पर यक़ीन करते हैं, उन्हें असफलता का स्वाद कम ही चखना पड़ता है। जो लोग ख़ुद और अपनी क्षमता पर यक़ीन नहीं करते हैं, उन्हें सफलता नहीं मिलती है। धृतराष्ट्र ने जिस तरह से गद्दी प्राप्त की और दुर्योधन ने चतुराइयों का इस्तेमाल करके सत्ता पर राज करना चाहा, हमें यही सीख देते हैं।
*- अपने मन के डर को करें दूर:
महाभारत के कई पत्रों पर डर हावी था। धृतराष्ट्र को गद्दी जानें का डर, दुर्योधन को पांडवों से हार का डर और अर्जुन को अपनों के ख़िलाफ़ युद्ध का डर। उक डर उनके निर्णयों को प्रभावित करता रहा। इससे यही सीख मिलती है कि व्यक्ति को अपने मन के डर पर क़ाबू पाना चाहिए नहीं तो आप सही समय पर सही फ़ैसला नहीं ले पाएँगे।
*- अधूरा ज्ञान:
महाभारत में अभिमन्यू को उसकी वीरता के लिए जाना जाता है। लेकिन चक्रव्यूह भेदने का उसके पास अधूरा ज्ञान था जो उसकी मौत का कारण बना। इसलिए हर व्यक्ति को इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए कि अधूरा ज्ञान हमेशा ही ख़तरनाक होता है। इसलिए किसी भी चीज़ का हमेशा पूरा ज्ञान रखना चाहिए।