मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में होता है सबका उद्धार, दूर होते हैं सभी संकट
आप लोगों ने यह तो सुना ही होगा कि जब कोई अपराधी से जुर्म कबूल करवाना होता है तो पुलिस वाले शातिर अपराधियों को थर्ड डिग्री देते हैं परंतु क्या आप लोगों ने कभी यह सुना है कि भूत प्रेत या बुरी आत्माओं को भी थर्ड डिग्री दिया जाता है आप इस बात को सुनकर हैरान जरूर हो गए होंगे परंतु भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां पर भूत प्रेत और बुरी आत्माओं को थर्ड डिग्री दिया जाता है यह राजस्थान में मेहंदीपुर के बालाजी का मंदिर है यहां पर भूत प्रेत और बुरी आत्माओं को किसी व्यक्ति का शरीर छोड़ने के लिए थर्ड डिग्री की ही तरह शारीरिक उत्पीड़न ना देकर हनुमान जी के नाम का जयकारा लगाया जाता है अगर कोई व्यक्ति सब तरह की तरकीब अपना चुका है और सभी उपाय करके थक चुका है वह सब जगह से हार मान गया है तो वह राजस्थान के मेहंदीपुर में स्थित बालाजी की शरण में अवश्य जाएं ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों ने यहां पर जाकर अपनी अर्जी लगाई है वह कभी भी खाली हाथ वापस नहीं आए हैं।
दरअसल, इस मंदिर में बजरंग बली की बालरूप मूर्ति स्थापित है इस मूर्ति के सीने के बाईं ओर एक बहुत ही सूक्ष्म छिद्र है जिससे पवित्र जल की धारा निरंतर प्रवाहित होती रहती है इस जल को भक्तजन चरणामृत के रूप में अपने साथ ले जाते हैं बालाजी के मंदिर में प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान भैरव की मूर्तियां भी है अगर आप इस मंदिर में जाएंगे तो आप जगह जगह पर भारी की संख्या में ऊपरी बाधाओं से पीड़ित लोग अजीब गरीब सी हरकत करते हुए आपको दिखाई दे जाएंगे जिसे यहां पर पेशी आना कहते हैं मंदिर परिसर में दिन-रात बालाजी का जयकारा लगाते हुए इन व्यक्तियों का इलाज करते हुए देखा जा सकता है अगर आप इस नजारे को देखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि मानो किसी मुजरिम को थर्ड डिग्री दी जा रही है और वह रहम की भीख मांग रहा हो बहुत से लोग ऐसे हैं जो यहां पर पेशी पर आने पर बेहोश भी हो जाते हैं।
ऐसे बहुत से चमत्कार आपको इस मंदिर के बारे में सुनने को मिल जाएंगे जिससे आपको इन सभी बातों पर विश्वास हो जाएगा जब कोई भी दवाई काम नहीं कर रही हो तो यहां पर लोग आते ही चमत्कारिक रूप से बिल्कुल ठीक हो जाते हैं मेहंदीपुर बालाजी धाम इसलिए भी अनोखा माना जाता है क्योंकि यहां पर दूसरे मंदिरों की तरह ना तो प्रसाद चढ़ाया जाता है और ना ही श्रद्धालु किसी तरह का प्रसाद अपने घर ले जा सकते हैं।
यहां पर सिर्फ हाजिरी या दरख्वास्त लगाने के नाम पर ₹5 रुपये में मिलने वाले छोटे-छोटे लड्डू जरूर अर्पित किए जाते हैं हालांकि कोई भी श्रद्धालु उन लड्डुओं को अपने आप अपने हाथ से किसी मूर्ति पर अर्पित नहीं कर सकता है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़ा एक विशेष नियम यह भी है कि यहां से वापसी में अपने साथ खाने पीने की कोई भी वस्तु घर नहीं ले जा सकते हैं दरबार से जल या भभूति या कोई पढ़ा हुआ सामान ले जाने का ही नियम बनाया गया है।