अगर हिंदूस्तान में नहीं होते एक भी मुस्लिम तो ये होते परिणाम, सभी भारतीयों को जरूर पढ़ना चाहिए
भारत में हिंदू मुस्लिम की लड़ाई कई दशकों से चली आ रही रही है. साल 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ और एक भारत से हिंदूस्तान और पाकिस्तान बने तब मुस्लिम के लिए दूसरा देश तो बना दिया गया लेकिन कुछ मुस्लिम भारत में ही रह गए. भारत में अनेक धर्म के लोग रहते हैं जो आपस में मिल जुल कर भी रहते हैं और विरोधी बनकर भी रहते हैं. इस समय देश के जो हालात है इसमें हिंदू और मुस्लिम की दो पार्टी बीजेपी और कांग्रेस बनकर उभरी है. बच्चों को जब कोई पाठ पढ़ाया जाता है तो भारत को अनेकता में एकता का देश बताया जाता है इसके बारे में ये भी कहा गया है कि कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले वाणी. भारत में मुख्य रूप से हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म को अपनाने वाले लोग रहते हैं. अगर हिंदूस्तान में नहीं होते एक भी मुस्लिम तो ये होते परिणाम, जिसकी वजह से भारत को बहुत कुछ सहना पड़ता.
अगर हिंदूस्तान में नहीं होते एक भी मुस्लिम तो ये होते परिणाम
आज भारत में हिंदू और मुस्लिम के झगड़े बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. जब भी कोई क्राइम होता है तो उसे किसी ना किसी धर्म से जोड़ दिया जाता है. मुस्लिम ने जिस भारत में जन्म लिया हिंदू उन्हें ये उनका नहीं बल्कि हिंदूराष्ट्र बनाने में तुले हुए हैं. आज भारत की तरक्की में बहुत से लोग सहयोग दे रहे हैं जिसमें मुस्लिम भी मुख्य रूप से शामिल हैं. फिर वो खेल का क्षेत्र हो, सेना का क्षेत्र हो या फिर फिल्मों का क्षेत्र हो. हर जगह हर धर्म के लोग छाए हैं खासकर मुस्लिम धर्म के लोग भी इन सभी चीजों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. लेकिन अगर मुस्लिम भारत में ना होते तो ये देश ये सारी चीजें कभी ना हासिल कर पाता.
1. भारत में मुस्लिम जाति के कई महापुरुषों ने जन्म लिया जिसमें पूर्व और स्वर्गीय राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम बहुत ही सम्मान के साथ हर धर्म का भारतीय लेता है. अगर आजादी के समय सारे मुस्लिमों को पाकिस्तान में भेज दिया जाता तो भारत देश को इतनी सारी मिसाइलें कैसे मिलती. इतना ही नहीं डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसा महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति भारत खो देता.
2. बॉलीवुड के तीन स्तंभ शाहरुख, आमिर और सलमान खान को माना जाता है. अगर ये नहीं होते तो आज बॉलीवुड में बेहतरीन फिल्मों का दौर ही नहीं होता, दर्शकों का बॉलीवुड फिल्मों के प्रति कोई लगाव ही ना होता. इसके अलावा कैटरीना कैफ, जरीन खान और हुमा कुरैशी जैसी खूबसूरत एक्ट्रेस भी हमें देखने को नहीं मिलती.
3. इसके अलावा अजीम प्रेमजी जैसे बड़े बिजनेसमैन भी भारत को नहीं मिलते हैं जिन्होंने भारत में करीब दो लाख लोगों को रोजगार देकर उनका घर बसा रखा है.
4. भारतीय सेना में मुस्लिम सिपाहियों की संख्या लगभग 45000 से भी ज्यादा है. अगर मुस्लिम आजादी के समय ही देश छोड़कर चले जाते तो इतने अच्छे सैनिक भी नहीं मिलते.
5. अगर मुस्लिम भारत में नहीं होते तो इंडस्ट्री को मोहम्मद रफी, जाकिर हुसैन, ए आर रहमान और जावेद अख्तर जैसे कलाकार भी नहीं मिलते.