अगर पाना चाहते है पुण्य का फल, तो इन पांच लोगों को खाना खिलाने से कभी न करे इंकार !
कहा जाता है कि किसी भूखे को खाना खिलाने से बड़ा पुण्य कोई हो ही नहीं सकता . फिर चाहे वो कोई भी व्यक्ति क्यूं न हो . वैसे भी हम अपने पुराने ग्रंथो में भी अक्सर देखते है कि जब दरवाजे पर कोई ब्राह्मण आता है तब उसे खाली हाथ नहीं लौटाया जाता . उन्हें कुछ न कुछ खाने की वस्तु जरूर दी जाती है . अब जब पुराने ग्रंथों की बात हो रही है तो हम महाभारत के पन्ने खोल कर देख सकते है . दरअसल महाभारत में ऐसे लोगों को जिक्र किया गया है जिन्हें खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है . अगर आप भी ये फल पाना चाहते है और पुण्य कमाना चाहते है , तो जानिए आखिर कौन है वो लोग जिन्हें खाना खिलाने से आपको पुण्य की प्राप्ति हो सकती है .
1.बेघर व्यक्ति को खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है ..
यदि कोई व्यक्ति बेघर हो और बहुत दुखी हो . तो उसके साथ प्यार से बात कीजिये . बहुत ही हमदर्दी भरे भाव से उसके साथ व्यव्हार कीजिये . उसे अपना समझ कर खाना खिलाईये . इससे न सिर्फ आपको पुण्य मिलता है बल्कि आपके पापो में भी कमी होने लगती है .
2.मेहमानों को खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है ..
वैसे तो ऐसा कहा जाता है कि मेहमान भगवान् का रूप होते है . पर आज कल के समय में लोग मेहमानों का घर आना ज्यादा पसंद नहीं करते . पर ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में मेहमानों को सम्मान के साथ बिठा कर खाना खिलाया जाता है . वहां देवता निवास करते है . उस घर में कभी कोई मुसीबत टिक ही नहीं पाती .
3.भगवान् को खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है ..
यदि हम हर रोज़ भगवान् को भी खाने का भोग लगाए तो भगवान् की कृपा हमेशा हम पर बनी रहती है . हालांकि बहुत कम लोग ही ऐसा करते होंगे .
4.पितरों को खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है ..
इसका मतलब है अपने पूर्वजों को भोग लगाना . यदि भगवान् के इलावा आप अपने पितरों को भी भोग लगाएंगे तो न केवल पापों से मुक्ति मिलती है . बल्कि आपकी परेशानियां भी दूर हो जाती है इसलिए अपने पितरों को भोग जरूर लगाए .
5.पंडितों और ऋषियों को खाना खिलाने से पुण्य का फल आवश्य मिलता है ..
जिस तरह हम श्राद्ध के मौके पर पंडितों को खाना खिलाते है . वैसे ही अगर हम बिना किसी अवसर के पंडितों या ऋषि मुनियो को खाना खिलाये तो इससे हमारे जाने अनजाने में किये गए पापों का प्रायश्चित हो जाता है . साथ ही काम में भी सफलता मिलती है . वैसे भी पंडितों को खिलाना किसी पुण्य से कम नहीं .
इतना तो हम जानते है कि इस दुनिया और देश में बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो इन पांच लोगों को भोजन करवाते है . पर अगर आप सच में पाप पुण्य पर यकीन करते है तो एक बार इन लोगों को सच्चे मन से भोजन करवा कर देखिये . शायद वास्तव में आपको कुछ अच्छा फल मिल जाये . लेकिन केवल फल की इच्छा रख कर और फल की प्राप्ति होने के बाद यदि आप इन लोगों का अपमान करेगे तो हो सकता है आपके पुण्य भी पाप में बदल जाये . इसलिए कभी भी लालच की भावना मन में रख कर किसी का पेट न भरे . इससे आपको ही भुगतना पड़ सकता है .