इस दीवाली बन रहा है शुभ राज योग,जानिए किस मुहूर्त करनी चाहिए गणेश जी और माँ लक्ष्मी जी की पूजा
दीवाली की पूजा : यू तो दीवाली के दिन का हर पल ही शुभ होता है . पर कहा जाता है कि ये त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को आता है . वैसे तो इस दिन भगवान् राम जी का नाम लेकर मनाया जाता है . पर इस दिन भगवान् कृष्ण ने भी नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था . इसलिए इस दिन को अच्छाई का प्रतीक भी समझा जाता है . इस दिन डीप जला कर लोग अपनी ख़ुशी प्रगट करते है . अब अगर हम मुहूर्त की बात करे तो उसको लेकर भी एक खास मान्यता बनाई गयी है . आप भी जानिए कि आखिर किस मुहूर्त में दीवाली के दिन पूजा करना शुभ समझा जाता है .
1.दीवाली पूजा मुहूर्त. दीवाली की पूजा.
इस दिन जब प्रदोषकाल होता है तभी दीवाली की पूजा करना शुभ माना जाता है . इस समय लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती .
2.लक्ष्मी पूजा मुहूर्त. दीवाली की पूजा
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त का समय शाम को 6 :27 से लेकर रात को 8 :09 तक का होता है . इसके इलावा महानिशा काल के पूजा मुहूर्त का समय रात 11 :38 से लेकर रात को ही 12 :30 तक का होता है .इन मुहूर्तो को दीवाली की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है.
3.पूजा की सामग्री.. दीवाली की पूजा
दीवाली की पूजा का बहुत विशेष महत्व होता है . इसलिए इस दिन पूजा का समान भी खास तौर से चुना जाता है . जैसे कि दीवाली पर पूजा के लिए रोली यानि टीका, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक अर्थात दीये, कलावा यानि हाथ पर बांधने के लिए खंभनि, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का और गिन कर 11 दीये आदि सभी वस्तुएं पूजा के लिए एक साथ एकत्र करके रखनी चाहिए. इस तरह दीवाली की पूजा को सम्पन्न माना जाता है .
दीवाली पर पूजा करने की विधि ..
1.हमारे स्कन्द पुराणों के अनुसार इस दिन सुबह ही स्नान करके और स्वच्छ होकर सभी देवी देवताओ की पूजा करनी चाहिए . कभी भी बिना स्नान किये पूजा में शामिल नहीं होना चाहिए .
2.जब शाम का समय होता है तब भगवान् गणेश और लक्ष्मी जी की नयी मूर्तियों को चौंकी पर स्वास्तिक बना कर ही रखें चाहिए . वैसे अगर यू कहा जाये कि मूर्तियों को इस समय स्थापित किया जाये तो भी गलत नहीं होगा .
3. इन मूर्तियों के सामने पानी से भरा हुआ एक कलश भी रखना चाहिए . फिर इन मूर्तियों के सामने बैठ कर ही हाथ में थोड़ा सा पानी लेकर शुद्धि मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए . फिर इस पानी को मूर्तियों पर और साथ ही घर के सदस्यो और घर में भी छिड़कना चाहिए . इससे घर में शुद्धि का वास होता है .
4.इसके बाद फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि पूजा की सारी सामग्री लेकर पूरे विधि-विधान से ही माँ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही देवी सरस्वती,माँ काली, भगवान् विष्णु और धन के देवता कुबेर जी की भी विधि विधान अनुसार ही पूजा करनी चाहिए.
5.दीवाली की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखे कि इस पूजा में 11 छोटे दीये और 1 दीया जरूर रखना चाहिए. ये बहुत आवश्यक है.
यदि आप दीवाली की पूजा बिलकुल सही ढंग से करेगे तभी आप देवी देवताओ का आशीर्वाद पा सकेंगे . इसलिए इस दिन केवल घर या तोहफों का ही नहीं बल्कि पूजा की विधि का भी खास ख्याल रखे. इस तरह की खास पूजा में कभी गलती नहीं होनी चाहिए. वरना इसे अशुभ भी माना जाता है . इसलिए आप भी विधि अनुसार पूजा कीजिये और खुशियो के दीप जलाते रहिये.