मिलिए आज के समय की द्रौपदी से , पांच भाईयों के साथ रचाई है शादी!
आप सब ने सतयुग की द्रोपदी के बारे में तो जरुर सुना होगा. महाभारत के दौरान द्रोपदी ने पांच पांडवों से शादी की थी. लेकिन, उसके बाद पांचो भाईयों की किस्मत कुछ ऐसी बदली कि वह उसे जुए में हार गए. बहरहाल, ये तो थी पुरानी बात. मगर आज हम आपको एक ऐसी लड़की से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिसे लोग कलयुग की द्रोपदी के नाम से जानते हैं. दरअसल, पांडवों की पत्नी की तरह ही इस लड़की ने भी एक ही परिवार के पांच बेटों से शादी रचाई. शादी ना केवल एक परंपरा है बल्कि इसे दुनिया भर के सभी धर्मों और सभ्यताओं में सबसे पवित्र बंधन माना गया है. जिससे जुड़कर एक पति-पत्नी जीवन भर के लिए एक दूसरे के सुख-दूख के साथी बन जाते हैं. मगर इस महिला ने शादी के मायने बदल डाले. जहाँ आज भारत में औरत की एक से अधिक शादी कानूनी अपराध माना जाता है. वहीँ उत्तर भारत की रहने वाली महिला ने कानूनों तोड़ कर 5 शादियाँ कर ली.
हमारे भारत देश में कईं सदियों से अलग अलग रीति रिवाज़ और परम्पराएं चलती आ रही हैं. ऐसे में कुछ रीति रिवाज़ इतने अजीबो गरीब हैं कि आप सपने में भी नहीं सोच सकते. भारत में हमेशा औरतों को मर्दों से नीच समझा जाता है. इतना ही नहीं बल्कि औरत के चरित्र को सही साबित करने के लिए उससे कईं घिनोने काम करवाए जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही अजीबो गरीब परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जान कर आपके पैरों तले से ज़मीन खिसक जाएगी. दरअसल, कलयुग की द्रोपदी बनी इस लड़की का नाम रज्जो है. 21 वर्षीय रज्जो देहरादून के किसी गाँव में रहती हैं. गौरतलब है कि इस गाँव में शादियाँ करना पूर्वजों की परंपरा बताया जाता है.
दरअसल हिमालय, देहरादून और तिब्बत के कुछ गांव में महिलाओं के लिए अजीबोगरीब परंपराएं बरसों से चलती आ रही हैं. इन परंपराओं के अनुसार हर लड़की को अपने पति के साथ साथ उसके भाइयों से भी शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है. पढ़े लिखी युवा पीढ़ी भी इस कुरीति को खत्म करने में नाकामयाब साबित हो रही है. वहां की महिलाओं ने अब शादियां करने की आदत सी डाल ली है.
इस गांव में लड़की को पति के साथ-साथ उसके भाइयों से शादी करने के लिए इसलिए मजबूर किया जाता है क्योंकि इन क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या काफी कम है. इस परंपरा को फ्रेटरनल को पोलिंड्री भी कहा जाता है. यहां के लोग भले ही कितने भी गरीब क्यों ना हो लेकिन वह शादी धूमधाम से करते हैं.
अरे जो 18 महीने के एक बच्चे की मां है लेकिन आश्चर्य की बात है कि उसके वास्तविक पिता के बारे में कोई नहीं जानता. पाँचों भाई रज्जो के साथ बेहद खुश हैं और रज्जो उन सभी के साथ बराबर का समय बिताती है. या फिर यह मान लीजिए कि इन भाइयों में एक दूसरे को लेकर कोई इर्षा नहीं है और सभी राज्यों से बराबर का प्रेम करते हैं.
रज्जो की मां के भी तीन पति थे इसलिए वह इस परंपरा के बारे में बचपन से ही जानती थी. रज्जू के अनुसार पांच पतियों की पत्नी बन कर वह बहुत खुश है. रज्जो के अनुसार वह अपने पूर्वजों की इस परंपरा से काफी प्रभावित है उसे शादी करने में कभी कोई दिक्कत नहीं आई.