तकिया लगाकर सोने की आदत है तो हो जाए सावधान, हेयर फॉल से लेकर डिप्रेशन का शिकार बनाता है तकिया
अच्छी नींद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है, दिनभर के काम के बाद नींद की आगोश में जाकर ही हमारी थकान मिटाती है और फिर अगले दिन नई स्फूर्ति से काम करने की उर्जा मिलती है। ऐसे में चैन की नींद पाने के लिए लोग कई जतन करते हैं.. जब तक इन्हें कमरे का शांत माहौल, आरामदायक बिस्तर और मुलायम तकिया ना मिले इन्हें नींद ही नहीं आती । खासकर कुछ लोगों को तो तकिए से विशेष लगाव होता है, ये गद्देदार और मोटी तकिए के साथ ही नींद के आगोश में जाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग डबल तकिया भी लगाते हैं।
अगर आपको भी तकिए से कुछ ऐसा ही प्रेम है, तो आज हम आपके लिए वो खबर लाए हैं जिससे जानने के बाद आप मोटी-गद्दीदार तकीया तो दूर किसी भी तकीये को हाथ नहीं लगाएंगे। दरअसल मुलायम और गद्दीदार तकीये पर आप अपना सिर रखकर आराम तो महसूस कर लेते है, पर वास्तव में ये कई सारी शारीरिक एवं मानसिक दिक्कतें लाती हैं। आज हम आपको तकीया लगाकर सोने से होने वाले कुछ ऐसे ही नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
शारीरिक और मानसिक विकार
स्वास्थ विशेषज्ञों की माने तो सिर के नीचे तकिया लगाकर सोने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक दिक्कतें हो सकती हैं। दरअसल ऐसा अक्सर तकिये की गलत पोजीशन या अधिक गद्देदार होने की वजह से होता है। इससे गर्दन पर ज़ोर पड़ता है और ऐसे में रात भर सोने के बावजूद आपकी थकान नहीं मिटती और सुबह उठने पर आप खुद को तरो-ताजा नहीं महसूस करते और फिर यही आगेचलकर मानसिक तनाव का कारण बनता है।
हेयर फॉल
वैसे तो हेयर फॉल के कई कारण हैं और इनमें से एक कारण आपका तकीया भी हो सकता है। दरअसल सोने के दौरान बालों और तकिए के बीच रगड़ होती है, जिससे उनका मॉइश्चर उड़ जाता है और वे रूखे बन जाते हैं । जिसकी वजह से हेयर फॉल की समस्या उत्पन्न होती है, वहीं कई बार बालों और तकिए की रगड़ के भी बाल टूटते हैं।
स्कीन एलर्जी
साथ ही आपका फेवरेट तकिया आपकी स्कीन के लिए एलर्जी का कारण भी बन सकता है। एक रिसर्च की माने तो, तकिए के वजन का लगभग एक तिहाई भाग कीटाणुओं, मृत त्वचा और कीटाणुओं से भरा हुआ होता है। ऐसे में इस रिसर्च के अध्यनकर्ता डॉक्टर आर्थर टुकेर का कहना है कि लोग भले ही तकिए पर नया कवर लगा कर उसे बहुत साफ स्वच्छ समझते हैं, पर वास्तव में तकीया कीटाणुओं का घर होता है। वहीं तकिये का फैब्रिक, उसका डिजाइन और रंग भी कई बार स्कीन एलर्जी का कारण भी बनते हैं।
मुंहासे की समस्या
वहीं तकिये की गंदगी मुंहासों का कारण भी बनती है। अक्सर लोग नींद में अपना मुंह तकिए में डालकर सोते हैं जिसकी वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है और चेहरे पर मुहांसे और दूसरी समस्याएं होने लगती हैं।
चेहरे की झुर्रियां
स्कीन विशेषज्ञों के अनुसार तकिये पर सिर रखकर सोने से चेहरे पर डलनेस और रिंकल्स की समस्या हो सकती है। असल में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सोने की दौरान हमारी त्वचा और तकिए के बीच रगड़ होती है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती है।