यूपी के बुंदेलखंड का जायजा लेंगे सीएम योगी, लगाएंगे अफसरों की क्लास
उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा इलाके की अगर बात की जाए तो बुंदेलखंड का नाम सबसे पहले आता है। जी हां, बुंदेलखंड में न तो लोगों के पास पीने का पानी है और न ही खेती करने के लिए पानी। ऐसे में अब सीएम योगी बुंदेलखंड के विकास को लेकर कुछ ज्यादा ही गंभीर नजर आ रहे हैं। इसी महीने सीएम योगी बुंदेलखंड के दौरे पर भी गये थे, तब उन्होंने वहां की स्थिति का जायजा लिया था, ऐसे में अब वहां के विकास को लेकर सीएम योगी अफसरो की न सिर्फ क्लास लेंगे बल्कि वहां के विकास के लिए रोडमैप भी तैयार करने की बात करेंगे। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
यूपी का बुंदेलखंड जिसको लेकर सरकारे न सजग होती है और न ही उसका ख्याल करती है, ऐसे में उस इलाके के विकास के लिए सीएम योगी का ध्यान गया है। यूपी में विकास के नारे से सत्ता में आई बीजेपी साल भर बाद अब विकास के राह पर लौटती दिखाई दे रही है, ऐसे में बुंदेलखंड वालों को भी यह आस हो चुकी है कि अब उनके लिए भी कुछ काम होगा। हालांकि, यह काम कब शुरू होगा, ये तो खैर योगी सरकार ही जाने।
विकास के नाम पर फिलहाल तो सरकार अफसरों के साथ बैठक करने के मूड में दिख रही है। जी हां, बैठक में यह तय किया जाएगा कि बुंदेलखंड का रोडमैप कैसे तैयार किया जाए। यहां बात यह भी फंस जाती है कि चुनाव आने से पहले यूपी को पूरी तरह से दुरूस्त करना ये सिर्फ अब योगी के कंधे की जिम्मेदारी है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की फटकार के बाद योगी सरकार एक बार फिर से एक्शन में आने के मूड में है। बुंदेलखंड को हर समस्या से बचाने के लिए योगी अधिकारियों से बात करेंगे। साथ ही कामकाज को लेकर अफसरों की पेंच भी टाइट करेंगे, जिससे सूबे में विकास का काम चलता रहे।
बुंदेलखंड को केंद्रीय ग्रामीण पेयजल के तहत साल 2016 से अब तक कुल 2 अरब 48 करोड़ रुपए लागत की छह पेयजल योजनाओं को केंद्र की ओर से वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है, ऐसे में अब इस काम को पूरी तरह से करके दिखाना योगी की जिम्मेदारी है। साथ ही वहां शिक्षा की व्यवस्था भी करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि वहां हर प्रकार की समस्या है,ऐसे में सरकार के लिए बुंदेलखंड का विकास करना किसी चुनौती से कम नहीं है, देखने वाली बात तो यह होगी कि क्या सीएम योगी 2019 से पहले बुंदेलखंड का विकास करने में सफल हो पाते हैं या नहीं।