LG का केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, सलाहकारों को पद से हटाया
दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जी हां, एक बार फिर से उपराज्यपाल और सरकार के बीच बड़ा घमासान देखने को मिल सकता है। बता दें कि उपराज्यपाल के साथ केजरीवाल के रिश्ते कुछ खास नहीं रहे हैं। याद दिला दें कि जब दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग थे, तो भी केजरीवाल सरकार की उनसे नहीं बनती थी, ऐसे में एक बार फिर से केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में बड़ी लड़ाई देखने को मिल सकती है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। जी हां, अनिल बैजल ने मनीष सिसोदियो को अपने सलाहकारों को हटाने का आदेश दिया है, जिसकी वजह से एक बार फिर से दिल्ली में बड़ा ही सियासी दांव पेंच देखने को मिल सकता है। बता दें कि जिन सलाहकारों को हटाने का आदेश दिया गया है, वो शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के है, उन्होंने इन सबको शिक्षा में सुधार के लिए रखा था, लेकिन अब उपराज्यपाल के आदेश पर हटाना पड़ेगा, जिसको लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है।
अनिल बैजल ने 9 सलाहकारों को हटाने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि उन्हें ये आदेश केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से मिला है, जिसकी वजह से अब मनीष सिसोदिया को इन सबको हटाना पड़ेगा। बता दें कि सलाहकार केंद्रीय गृहमंत्रालय के आदेश पर ही नियुक्त की जाते हैं, ऐसे मेंं उपराज्यपाल का कहना है कि ये सारे सलाहकार बिना अनुमति के नियुक्त हुए हैं। बताते चलें कि यह पहला मामला नहीं है, जब उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार में बड़ा विवाद देखने को मिल रहा है, ऐसे में एक बार फिर से दिल्ली की सियासत में बड़ा तूफान आ सकता है।
मामले को लेकर केजरीवाल पार्टी ने उपराज्यपाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बता दें कि केजरीवाल की पार्टी ने कहा कि मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में ये सलाहकार अच्छे काम कर रहे थे, जिसकी वजह से दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ रही थी, लेकिन एक बार फिर से उपराज्यपाल ने उन्हें काम करने से रोक रहे हैं। आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार का यह भी कहना है कि ये नियुक्तियां उपराज्यपाल की मंजूरी के साथ ही किया गया था।
उपराज्यपाल के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर यह कार्रवाई हुई है, ऐसे में अब यह बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ की गई ये नियुक्तियां एप्रूव्ड पोस्ट नहीं हैं, जिसकी वजह से यह नियुक्तियां खारिज की जा रही है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि क्या केजरीवाल सरकार सलाहकारों की नियुक्ति दोबारा कराने में सफल हो पाती है या नहीं?