PM मोदी पटना में स्वच्छाग्रहियों की तारीफ कर रहे थे तो लोगों ने कहा ‘तारीफ, नहीं सैलरी दो’
गांधी जी के पहले सत्याग्रह चंपारण शताब्दी समारोह के दौरान पीएम मोदी पटना में भाषण दे रहे थे, तो उसी समय लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। जी हां, ऐसा पहली बार हुआ है, जब लोगों ने पीएम मोदी के रैली में इस तरह की हरकते की हो। बता दें कि इस बार तारीफों से लोगों का पेट नहीं भरा, बल्कि उन्हें पगार की मांग की। एक तरफ पीएम मोदी जमकर देश वासियों की ताऱीफ कर रहे थे, तो दूसरी तरफ स्वच्छाग्रहियों ने जमकर हंगामा मचाया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी के समापन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित किया तो उस समय लोगों ने जमकर विरोध जताया। शायद ये वहीं लोग है, जो अब पीएम मोदी का भाषण नहीं, बल्कि पेट भरने के लिए सैलरी चाहते हैं। जी हां, कई राज्यों से पटना के कार्यक्रम मेंं शामिल होने के लिए स्वच्छता स्वयंसेवकों ने काम के बदले पगार के मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगामा मचाया। ऐसे में अब इस मुद्दे को लेकर सियासत भी चारी हो चुकी है। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में लोगों का गुस्सा फूट उठा, ऐसे में एक तरफ पीएम मोदी तारीफोंं के पुल बांध रहे थे, तो दूसरी तरफ लोगों ने कहा कि तारीफ नहीं अब पगार दीजिए।
दरअसल, इस कार्यक्रम का विषय़ था कि सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह तक। जी हां, इसके तहत शांति से पूरे देश की साफ सफाई करना। इस दौरान देश को साफ सुथरा रखने वाले लोगों की पीएम मोदी तारीफ कर रहे थे, तो लोगों ने कहा कि पगार चाहिए, तारीफ नहीं। हालांकि, बीजेपी इस विरोधी साजिश जरूर बता रही हो, लेकिन इस बात से नाकारा नहीं जा सकता है कि जो लोग अपना कामधाम छोड़कर देश की सेवा कर रहे हैं, उन्हें भी दो वक्त की रोटी के लिए सैलरी चाहिए, न कि तारीफों से वो अपना पेट भर सकेंगे।
बताते चलें कि स्वच्छाग्रहियों को उम्मीद की जब पीएम मोदी आएंगे तो उनके लिए कुछ घोषणा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो एक एक करके लोग वहां से चलते बने, तो कईयो ने वहां जमकर हंगामा भी किया। बता दें कि प्रदेश और बिहार के स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के द्वारा उनके काम के लिए ₹1 भी नहीं मिलता है, ऐसे में वो अपना घरबार कैसे चलाएं, लेकिन सरकार को सिर्फ देश साफ चाहिए, चाहे साफ करने वाले के पेट में एक दाना भी न जाएं।