बड़ी खबर: चारा घोटाले के चौथे केस में लालू को अब तक की सबसे बड़ी सजा, 7 साल की कैद
लालू प्रसाद यादव जिनकी मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जी हां, चारा घोटाले के तीन केसो में सजा काट रहे लालू यादव को चौथे केस में भी बड़ा झटका लगा है। चारा घोटाला मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई लालू प्रसाद पे हुई है, जिसकी वजह से आरजेडी बहुत ही नाखुश दिख रही है। लालू के वकील ने न्याय की बात करते हुए कहा कि हम उच्च न्यायालय जाएंगे, अब वही हमे न्याय मिलेगा। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
बता दें कि चारा घोटाले के चौथे केस में लालू यादव को 7-7 साल की सजा हुई है, ऐसे में लालू यादव का सियासी करियर अब जेल में ही खत्म होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि जिस तरह से लालू यादव एक के बाद एक केस में दोषी पाएं जा रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि लालू का सियासी करियर अब जेल में ही खत्म हो जाएगा। बता दें कि चारा घोटाले के चौथे केस में लालू को दो अलग अलग धाराओं के तहत और पीटिशन के तहत 7-7 साल की सजा यानि लालू की कुल सजा 14 साल की। इसके साथ ही लालू पे 30-30 लाख का जुर्माना लगाया गया है, जोकि कुल 60 लाख हो गया है।
याद दिला दें कि लालू यादव चारा घोटाले के तीन केसों में पहले से ही जेल में बंद हैं, ऐसे में अब लालू का जेल का सफर और भी ज्यादा बढ़ गया है। इतना ही नहीं चारा घोटाला के 6 केसों में चार में लालू को सजा मिल चुकी है, ऐसे में अब दो केसो की सुनवाई अदालत में चल रही है। इस दौरान लालू के वकील ने बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। लालू के वकील का कहना है कि लालू बिल्कुल निर्दोष है, ऐसे में अगर यह मान भी लिया जाए कि लालू साजिश के तहत दोषी है, तो भी उनको मिलने वाली सजा गलत है। इसके लिए लालू के वकील ने उदाहरण दिया कि हमारा संविधान एक मामले के लिए अलग अलग सजा का प्रावधान नहीं करता है, लेकिन लालू यादव को यहां अलग अलग तरह के कानून बनाकर सजा दिया जा रहा है।
चारा घोटाला का चौथा केस
बताते चलें कि लालू यादव चारा घोटाले के तीन मामलों में सजा काट रहे हैं, ऐसे में अब यह मामला चौथा है, जोकि दुमका कोषागार केस है। बता दें कि यह मामला 3 करोड़, 13 लाख रूपये के गबन का है। याद दिला दें कि लालू यादव को पहले और दूसरे केस में 5-5 साल की सजा हुई थी, जबकि तीसरे यानी देवघर केस में उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई थी, और अब चौथे में उन्हे 7-7 साल की सजा सुनाई गई है, ऐसे में अब लालू का जेल से बाहर निकलना मुश्किल है। हालांकि, आरजेडी ने कहा कि वो इस फैसले की चुनौती उच्च अदालत में देंगे, क्योंकि ये नाइंसाफी है।