जानें भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, जो शायद ही आप पहले से जानते होंगे!
हम सभी रामायण के लक्ष्मण से भली- भांति परिचित हैं। वह राम के छोटे भाई थे, जिन्हें उनके समर्पण के लिए जाना जाता है। वह आख़िरी समय तक राम के साथ रहे थे। वह ना एक आज्ञाकारी भाई थे बल्कि वह एक आदर्श देवर भी थे। उन्होंने माता सीता को हमेशा अपनी माँ समझा और उनकी सभी आज्ञाओं का पालन एक पुत्र के समान ही किया। आज भी जब कभी दो भाइयों के बीच टकराव होता है तो उन्ही का उदहारण दिया जाता है कि एक लक्ष्मण थे जिन्होंने अपने भाई के लिए अपनी पत्नी तक को छोड़ दिया और उनके साथ 14 साल के वनवास पर चले गए। आइये आज हम आपको लक्ष्मण से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं जिन्हें शायद कम ही लोग जानते होंगे।
लक्ष्मण शेषनाग के अवतार थे:
क्षीरसागर में भगवन विष्णु शेषनाग के ऊपर ही बैठकर आराम करते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि शेषनाग के फन के ऊपर ही पूरी पृथ्वी टिकी हुई है। शेषनाग बहुत सारे फनों वाला एक विशालकाय नाग है। यही वजह है कि हिन्दू धर्म में शेषनाग की पूजा की जाती है। रावण ने मिथिला को ख़त्म करने के लिए एक नागिन भेजी थी, जो शेषनाग को देखते ही भाग जाती है।
भगवन राम के वचन कारण ही लक्ष्मण की मृत्यु हुई थी:
माता सीता जब पृथ्वी में समा गयी और भगवान राम का कार्य इस पृथ्वी पर ख़त्म हो गया तो उन्होंने मरने का निश्चय किया। हनुमान जी को यह बात सही नहीं लगी और उन्होंने यम को भगवान राम से मिलने नहीं दिया। राम ने हनुमान को विचलित करने के लिए अपनी अंगूठी पाताल में फेंक दी और हनुमान को उसे लाने के लिए कहा। हनुमान उसे लाने के लिए चले गए और यम राम से मिलने के लिए तैयार हो गए। लेकिन यम ने मिलने से पहले एक शर्त रखी कि हमारी बात गुप्त रूप से होगी और जो भी इसे सुन लेगा उसे आप स्वयं मृत्यु दंड देंगे।
राम ने शर्त को स्वीकारते हुए लक्ष्मण को पहरेदारी करने के लिए कहा और बोला कि किसी को भी अन्दर नहीं आने दे। इसी बीच दुर्वाशा ऋषि बहुत ही क्रोधित होकर राम से मिलने आये, लक्ष्मण ने उन्हें रोक दिया। क्रोधित होते हुए उन्होंने कहा अगर उन्हें नहीं मिलने दिया तो वह पुरे अयोध्या को अभिशाप दे देंगे। लक्ष्मण ने निश्चय किया कि वह राम को जाकर सब बता देंगे और वह अन्दर चले गए। जैसा कि पहले ही तय हो चुका था कि जो भी यम और राम की बातचीत में विघ्न डालेगा उसे मृत्यु दंड दिया जायेगा। लक्ष्मण सरयू नदी पर जाकर उसमे कूद जाते हैं और अपना जीवन समाप्त कर देते हैं।
विष्णु का आसन शेषनाग बनने के लिए यह जरुरी था कि लक्ष्मण राम से पहले मरें।
14 वर्ष के वनवास के दौरान लक्ष्मण एक दिन भी नहीं सोये थे:
वनवास के दौरान लक्ष्मण का राम और माता सीता के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण को देखकर निंद्रा देवी ने उन्हें वरदान दिया था कि वह 14 सालों तक लगातार जगे रहेंगे, उन्हें नींद नहीं आएगी। हालांकि यह वरदान केवल तभी मिल सका जब लक्ष्मण की नींद उर्मिला लेने को तैयार हुई। उर्मिला ने लक्ष्मण के बदले 14 सालों तक सोया और लक्ष्मण राम और सीता की देख- भाल करते रहे।
लक्ष्मण बाद में कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में पैदा हुए थे:
लक्ष्मण राम के छोटे भाई थे इसलिए राम की कही गयी हर बात वह मानते थे। इसीलिए अगले जन्म में बड़ा भाई बनने की उनकी इच्छा पूरी हुई। विष्णु कृष्ण के रूप में और शेषनाग बलराम के रूप में पैदा हुए, जो कृष्ण के बड़े भाई थे। दिलचस्प बात यह है कि दोनों जन्मों में वह अपने गुस्से के लिए प्रसिद्ध थे।