पीएम मोदी ने आतंकियों को चेताया, बोलें – सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है, 29 सितंबर को भी सैनिकों ने यही किया
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की रक्षा में सैनिकों की अहम भूमिका को बताते हुए कहा कि सेना कभी बोलती नहीं वो पराक्रम करती है। उन्होंने कहा कि विश्व शांति सेना में सबसे ज्यादा योगदान भारत का है। पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत ‘शहीदों अमर रहो’ और ‘वंदे मातरम’ के उद्घोष के साथ की। (Modi warned terrorists)
उन्होंने कहा कि ”मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहां आकर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मौका मिला। हमारे देश में जब सेना का स्मरण करते हैं तो उसकी ज्यादातर चर्चा एक ही रूप की होती है। ‘यूनिफॉर्म, हाथ में शस्त्र, आंखों में ज्वाला’ जैसे हरपल दुश्मन की तलाश में हों। कहीं पर भी प्राकृतिक संकट आया हो। जवान आपत्ति में फंसे लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए अपनी जिंदगी खपा देते हैं”।
आपदाओं पर सेना के कार्य की सराहना –
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर जवानों को नमन करने का मौका मिला। भारत के सैन्य बल मानवता की बहुत बड़ी मिसाल है। बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की पत्थरबाजी के बावजूद हमारे जवानों ने बाढ़ में कश्मीरियों की मदद की। सेना के जवानों ने कश्मीर और केदारनाथ की बाढ़ में अपने आपको खपाया। देश की रक्षा और मानवता की रक्षा में भारत की सेना विश्व में नंबर एक है। हर हिन्दुस्तानी को इन पर गर्व है।
सेना के सिर्फ एक रूप को हम जानते हैं –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब सेना को हम याद करते हैं तो उसका ज्यादातर चर्चा सेना के एक रूप की होती है। कभी कभी यह भी सोचिए कि भारतीय सेना मानवता की एक बहुत बड़ी मिशाल हैं। बद्रीनाथ-केदारनाथ के प्राकृतिक संकट में जवानों ने लोगों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।” प्रधानमंत्री ने अपना भाषण शुरू करने से पहले ‘शहीदों- अमर रहो, अमर रहो’ के नारे लगवाए।
वो पत्थर मारते हैं लेकिन जवान जान बचाते हैं (Modi warned terrorists) –
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”दो साल पहले श्रीनगर में जब भयंकर बाढ़ आयी। ऐसे समय में सेना के जवानों ने श्रीनगर की वादियों में बाढ़ पीड़ितों के जीवन को बचाने के लिए अपने जीवन को खपा रहे थे। सेना ने इस सेवा को करते हुए ये कभी नहीं देखा कि ये लोग हम पर पत्थर फेंकते हैं। कई बार तो इससे उनकी जान तक चली गई। लेकिन जब मानवता की बात आयी तो इसे भुलाकर जी जान से जुट गए।”
‘पीस कीपिंग फोर्स’ में सबसे बड़ा योगदान हमारा –
प्रधानमंत्री ने सेना की उपलब्धि बताते हुए कहा, ”विश्व के ‘पीस कीपिंक फोर्स’ में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश अगर कोई है तो वो भारत देश है। हमारे जवानों ने सिर्फ शस्त्र के आधार पर नहीं बल्कि नैतिकता और आचारण पर सिद्धि प्राप्ति कर इस उपबल्धि को हासिल किया है।” पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे पूर्वजों ने कभी किसी देश को अपना गुलाम बनाने के आक्रमण नहीं किया। लेकिन अगर मूल्यों की बात आयी तो हिन्दुस्तान की सेना कभी पीछे नहीं हटी।”(Modi warned terrorists)
मनोबल ही सेना का सबसे बड़ा शस्त्र –
पीएम ने कहा, “अगर आपको लगता है कि सेना की ताकत आधुनिक और बड़े बड़े हथियारों से आती है तो आप गलत हैं. सेना की असली ताकत देश के लोगों साथ खड़े होने से आती है. मनोबल ही सेना का सबसे बड़ा हथियार होता है.”
पीएम ने शौर्य स्मारक के लिए मध्य प्रदेश सराकर को बधाई देते हुए कहा, ”शौर्य स्मारक पर हमारे लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है. हम जाने तो ऐसी कौन सी ट्रेनिंग है इन सैनिकों की जो रग रग में हिन्दुस्तान बसा है. ऐसा क्या है जो इन सैनिकों ने पूरे देश को अपना परिवार मान लिया है.”
वीआरएस के बाद स्किल डेवलेपमेंट सर्टिफिकेट –
सैनिकों के वीआरएस पीएम मोदी ने कहा, “वीआरएस के बाद स्किल डेवलेपमेंट का सर्टिफेकेट ना होने के कारण सैनिकों को समस्या होती थी। लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है सैनिक की सेवा के आखिरी वर्ष में स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।”
सैनिक दिखे तो तालियों से करें अभिनंदन –
पीएम ने कहा, ”शौर्य स्मारक हमारी पीढ़ियों को संस्कार देने के लिए ओपन स्कूल है। हमारे अंदर हमेशा फौजियों के लिए सम्मान रहना चाहिए. कहीं भी सेनिक दिखे तो उसका तालियों से अभिनंदन करना चाहिए।”