जानिए मरने के बाद मानव के शरीर और उसके जीवन से जुड़ी ये अनोखी सच्चाई, जो आप ने न सुनी होगी
मौत के बाद आत्मा का रहस्य: दुनिया में आएं हर एक प्राणी को किसी न किसी दिन इस दुनिया को छोड़कर जाना ही पड़ता है, ऐसे में वो चाहे लाख कोशिशें कर ले या फिर वर्षों तक जीवित रह सकें, लेकिन एक न एक दिन उसे इस दुनिया को अलविदा कहना ही होता है। मौत भयानक जरूर होती है, लेकिन ये एक सच्चाई है, जिसे दुनिया की कोई भी ताकत चाहकर भी नहीं बदल सकती है। जीवन और मरण के बीच एक ऐसा भी सवाल है, जिसकी गुत्थी पुरी तरह से अभी तक सुलझी नहीं है। जी हां, आखिर मरने के बाद आत्मा कहां जाती है, ये एक ऐसा सवाल है, जिसे अभी तक कोई नहीं सुलझा सका है।
महाभारत में श्री कृष्ण ने उपदेश दिया कि आत्मा तो अमर और अजर, नाश्वर तो शरीर है। आशय ये है कि शरीर तो एक न एक दिन नष्ट हो जाता है, लेकिन आत्मा कभी भी नष्ट नहीं होती है, बल्कि एक शरीर को त्याग कर वो नये शरीर की तलाश में रह जाती है। ये ठीक इसी तरह है, जैसे मनुष्य नये कपड़े को देखकर पुराने कपड़े का त्याग कर देता है। ठीक उसी तरह आत्मा भी एक शरीर का त्याग कर दूसरी शऱीर में प्रवेश कर लेती है।
मृत्यु के बाद का जीवन कैसा होता है, क्या होता है, ये सारे सवाल वक्त और भविष्य के गर्भ में है, जो कब खुलेगा, इस बात से सभी बेखबर हैं। खैर, आज हम आपको इन सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहै हैं, जोकि शास्त्रों में उल्लेखित है। शास्त्रों में लगभग उन सारे सवालों के जवाब मौजूद है, जिन्हें हम तलाशना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं कि मौत के बाद आत्मा का रहस्य क्या है ?
शास्त्रों के अनुसार जीवन का अंत नहीं होता
मृत्यु के बाद क्या क्यों कैसे, इन सारे के सवालों को तलाशना ओखली में सिर मारने जैसा ही है लेकिन समय समय पर ऋषि मुनियो ने घोर तपस्या करके मृत्यु से जुड़ी हुई कुछ ऐसी जानकारी पाई, जिसे दूसरा कोई नहीं बता सकता है। दरअसल, प्राचीनकाल में ऋषि मुनियों ने तपस्या के बाद ये जाना कि मृत्यु से पहले जीवन क्या था? कुछ ऐसे ही ऋषि मुनियो ने शास्त्रों में वर्णित किया है कि काल की तरह जीवन भी असीम और अनंत है, ऐसे में जीवन का न तो अंत होता है और न ही उसका प्रांरभ। हम लोग जिसे जीवन का अंत समझते है, दरअसल, वो तो बस शरीर का अंत होता है, जोकि प्रकृति के पांच तत्वों यानि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना होता है।
मौत के बाद आत्मा का रहस्य-कहां जाती हैं आत्मा ?
जब भी किसी के घर में किसी सदस्य की मौत होती है, तो उसकी आत्मा की शांति के लिए गरूड़ पुराण का पाठ पंडितों द्वारा कराया जाता है, जिस दौरान मौत के बाद आत्मा का रहस्य जुड़े और मन की शांति के लिए बाते भी बताई जाती है। गरूड़ पुराण के मुताबिक, मरने के बाद आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार की व्याखा यमदूत करते हैं, इसलिए वो मरने के बाद आत्मा को अपने साथ लेकर जाते हैं। इतना ही नहीं, कर्म के अनुसार ही यमदूत आत्मा को लेकर जाते हैं, अगर मरने वाला शख्स सज्जन है तो उसे आसानी से मौत मिलती है, और अगर पापी है तो उसे बहुत ही पीड़ा वाली मौत मिलती है।
गरूड़ पुराण के अनुसार, मौत के बाद आत्मा को यमदूत सिर्फ 24 घंटों के लिए ही ले जाते हैं, जिस दौरान आत्मा को उसके कर्मो को दिखाया जाता है, जिसमें उसके सभी पाप और पुण्य का लेखा जोखा होता है। ठीक 24 घंटे के बाद उस आत्मा को उसी घर में छोड़ दिया जाता है, जहां उसने शरीर को त्यागा था, जिसके बाद 13 दिन तक वो उसी घर में रहता है, जब घर की शुद्धिकरण होता है, तो आत्मा वापस यमलोक चला जाता है।
आखिर बेटा ही क्यों देता अग्नि?
शास्त्रों के अनुसार मौत चाहे स्त्री की हो या पुरूष की, अंतिम क्रिया तो बेटा ही करता है। दरअसल, बेटा के मरने वाले को नर्क से बचाता है। कहा जाता है कि पुत्र के हाथों से मुक्ति मिलने के बाद मृतक को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के मुताबिक, पुत्र का होना कई जन्मोंं के पुण्यों का फल है। इतना ही नहीं, पुत्र के लिए ये एक कर्ज भी होता है, जोकि वो अग्नि देकर पूरा करता है।