सांप के काटने का इलाज जरूर जानें, जाने कब किसी के काम आ जाए
सांप का नाम सुनकर ही लोगों के होश उड़ जाते हैं.. और हर कोई यही मनाता है कि जीवन में कभी सांपो से पाला ना पड़े .. पर फिर भी अक्सर लोगों का सांप से पाला पड़ ही जाता है और फिर अगर वो डस ले तो जानकारी और तत्काल इलाज के अभाव में जान चली जाती है। ऐसे में सांप के काटने का इलाज (तत्कालिक उपाय) के बारे में सभी को पता होना बेहद जरूरी है । आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं..
आपको बता दें कि सांप डसने से होने वाली मौतों की संख्या में भारत दुनियाभर में सबसे आगे है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक हर साल 83 हजारे के लगभग लोग सांप दंश का शिकार होते हैं और उनमें से 11 हजार की मौत तक हो जाती है। दरअसल मौत का सबसे बड़ा कारण है तुरंत प्राथमिक उपचार न मिल पाना है।इसके साथ ही कई बार व्यक्ति की मौत डर की वजह से हो जाती है.. दरअसल सांप के काटने का डर इतना है कि कई बार व्यकित हार्ट अटैक से मर जाता है .. ऐसे में जहर नहीं बल्कि कार्डिएक अरेस्ट मौत का कारण बनती है ऐसे में ये लोगों के मन से ये डर निकलना चाहिए।तो इसके लिए आपको सांपो के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए।
सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि भारत में सांपों की लगभग 236 प्रजातियां हैं पर इनमें से ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते हैं। जबकि लोगों में ये गलतफहमी होती है कि सभी सांप खतरनाक होते हैं, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि देश में जहरीले सांपों की सिर्फ 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा यानी नाग, रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत। इनमें भी देश में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन और करैत के काटने से होती हैं। बाकि सांपों के काटने से सिर्फ जख्म होता है और मौत दहशत के कारण हो जाती है।
सांप के काटने का इलाज (तत्कालिक उपाय)
ऐसे में सांप काटने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि पीड़ित को जरूरी प्राथमिक उपचार देना चाहिए .. इसके लिए सबसे पहले सांप के जहर को फैलने से रोकना चाहिए और मरीज को जल्द से जल्द किसी अस्पताल में पहुंचाना चाहिए। ऐसे में जब तक पीड़ित अस्पताल ना पहुचें कुछ सहुलियते बरतनी चाहिए.. जैसे कि सांप के काटने वाली स्थान पर कोई गहना पहना रखा हों तो उसे उतार दें या फिर अगर पीड़ित व्यक्ति ने जूते पहना हो तो उसे भी उतार दें। इसके बाद जख्म पर पट्टी बांध दें। पट्टी के लिए आप पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्लीपिंग बैग या बैकपैक फ्रेम का इस्तेमाल कर सकते है। पर जख्म से किसी तरह की छेड़छाड़ न करें और पट्टी बांधने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। साथ ही इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को बिल्कुल भी चलने-फिरने न दें, क्योंकि इससे मांसपेशियों की रगड़ से जहर फैल सकता है.. वही ऐसी स्थिति में अपने तरफ से एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा भी पीड़ित व्यक्ति को न दें ।
सांप के काटने का इलाज :- कसकर पट्टी नही बांधनी चाहिए
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञो की माने तो कभी भी सांप काटी जगह पर रक्त संचार बंद करने के लिए खूब कसकर पट्टी नही बांधनी चाहिए क्योंकि अक्सर लोग ऐसा ही करते हैं और ना ही मुंह से खींचकर जहर निकालना चाहिए .. इन चीजों से परहेज करना चाहिए। असल में इससे नसों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने के साथ संक्रमण होने का भी खतरा रहता है।
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