सूबे में बदल रहा है सियासत का रूख, बीजेपी ने माना ‘राजस्थान को जीतना टेढ़ी खीर’
राजस्थान: सियासत किस मोड़ पर कब मुड़ जाए, इससे तो हर कोई बेखबर होता है। जी हां, जनता के दरबार में हर किसी का सही फैसला होता है, लोकतंत्र में कोई भी पार्टी जीत का चोला हमेशा नहीं पहन सकती है, ऐसे में बदलाव समय समय पर होता रहता है। ऐसा ही कुछ राजस्थान में सियासत का रूख में नजर आ रहा है। बता दें कि राजस्थान बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन बीजेपी की हालत यहां फिलहाल खराब है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
हाल ही में राजस्थान उपचुनाव के नतीजे आएं, जिसके बाद से ही सूबे में सियासत का रूख बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। जानकारों का माने तो सूबे में बीजेपी की करारी शिकस्त भी हो सकती है, ऐसे में बीजेपी को अभी से राजस्थान में अपनी हालत मजबूत करना पड़ेगा, वरना कांग्रेस मुक्त भारत का सपना बीजेपी भूल जाए। दरअसल, उपचुनाव में बीजेपी को किसी सीट पर 0 तो किसी पर 1 या 2 वोट ही मिले हैं, जिससे आप खुद ही समझ सकते हैं कि बीजेपी की हालत कैसी है इस समय?
राजस्थान उपचुनाव से कांग्रेस मजबूत होती दिख रही है, जिसका श्रेय प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को जाता है। जी हां, सचिन ने जमीनी स्तर पर कांग्रेस को उठाने का काम किया है, इसके पीछे राहुल गांधी की रणनीति भी मानी जा रही है। राजस्थान में बीजेपी ये मान चुकी है कि यहां फिर से सत्ता में आना टेढ़ी खीर से कम नहीं है, जिसकी वजह से पार्टी हाई-कमान टेंशन में दिखाई दे रही है।
राजस्थान में इसी साल चुनाव है, ऐसे में बीजेपी अपनी साख को बचाने के लिए एक बार फिर से जनता के बीच लोकलुभावने वादे करती हुई नजर आएगी तो वहीं कांग्रेस बीजेपी के कामकाज को लेकर राजस्थान को जीतने की पूरी कोशिश करेगी। बता दें कि राजस्थान में बीजेपी की इस हालात की जिम्मेदार सीएम वसुंधरा को ठहराया जा रहा है, क्योंकि पिछले दिनों सीएम साहिबा ने राजस्थान में तानाशाही का रवैया अपना लिया था।
हालांकि, राजस्थान में बीजेपी की छवि फिर से मजबूत करने के लिए अमित शाह ने रणनीति बनानी तय कर दी है, लेकिन सूत्रों की माने तो अब वसुंधरा की कुर्सी को लेकर बीजेपी में विरोध शुरू हो गया है, जिसकी वजह से ये अभी नहीं कहा जा सकता है कि बीजेपी की अगली सीएम उम्मीद्वार वसुंधरा ही होंगी।