सीएम शिवराज कैबिनेट में हुआ बदलाव, चुनावी रणनीति के तहत किया गया ये फेरबदल
भोपाल: एमपी के शिवराज सरकार में बड़ा बदलाव देखने को मिला। जी हां, शनिवार को शिवराज कैबिनेट में विस्तार और बदलाव देखने को मिला, जिसके बाद से ही इस बदलाव को चुनावी नजरिये से देखा रहा है। बता दें कि इस बदलाव में तीन नये मंत्रियों ने शपथ ली, जिसके बाद से ही एमपी की सियासत में हलचलें मच गई हैं। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में खास क्या है?
शनिवार को शिवराज कैबिनेट से बदलाव की खबर सामने आई। हालांकि इस बदलाव की चर्चा पिछले एक सालों से चल रही है, लेकिन किसी न किसी वजह से ये बदलाव टल जाता था। बता दें कि शिवराज के राजभवन में नारायण सिंह कुशवाहा, बालकृष्णा पाटीदार और जालम सिंह पटेल को कैबिनेट में जगह दी गई, जिसमें नारायण सिंह को कैबिनेट मंत्री तो जालम और बालकृष्णा को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके बाद शिवराज सरकार के तरफ से ये भी कहा गया कि कैबिनेट में एक और बदलाव देखने को मिल सकता है।
दरअसल, मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार इस विस्तार के जरिए जातीय समीकरण को दुरूस्त करने के फिराक में है। गौरतलब है कि हाल ही में बीजेपी को निकाय चुनावों में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था, जिसके मद्देनजर कैबिनेट का विस्तार किया गया है।बता दें कि हाल ही में एमपी में उपचुनाव भी होने वाले हैं, ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि कोलारस और मुंगावली उपचुनाव के मद्देनजर जातिगत समीकरणों बनाये रखने के लिए इन तीन नये मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई है। इन सबके बीच बड़ी खबर ये है कि कैबिनेट से किसी भी मंत्री को बाहर का रास्ता ऐसे समय में नहीं दिखाया जाएगा।
मंत्रिमंडल का विस्तार करने के बाद शिवराज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे इस बात की बेहत खुशी है कि कैबिनेट का विस्तार हुआ। साथ ही शिवराज सिंह ने आगे कहा कि हमने इस विस्तार को इसलिए किया ताकि हम और भी बेहतर तरीके से प्रदेश में काम कर सके। एमपी के सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि अभी एक और छोटा सा विस्तार करना बाकी है, जो जल्दी ही किया जाएगा।