मंच पर कर्णबीर ने पीएम के सामने रखी ऐसी डिमांड की मोदी ने भी सिर झुका लिया
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए लोग तरसते हैं। पीएम के मिलने पर लोग सेल्फी से लेकर उनके पैर छूते हैं। पीएम के सामने अच्छे अच्छे लोगों की जुबान बंद हो जाती है। लेकिन पंजाब के एक लड़के ने पीएम मोदी के सामने ऐसी डिमांड रख दी की, पीएम का सिर भी झुक गया। वो सिर्फ इतना ही बोल पाए की बेटा तुमने बहुत ही साहसिक काम किया है। चिंता न करो।
मौका था दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर देश भर से आए बहादुर बच्चों को सम्मानित करने का। जिसमें पीएम बच्चों को सम्मानित कर पुरस्कार दे रहे थे। इसी दौरान पंजाब के अमृतसर से आए बहादुर लड़के कर्णबीर को जब पीएम ने सम्मानित किया, तो पुरस्कार लेने के बाद कर्णबीर ने पीएम से कहा सर मैं आपके कुछ बात करना चाहता हूं। पीएम मोदी ने सिर हिलाकर कहने का इशारा किया, जिसके बाद कर्णबीर ने कहां पीएम सर.. गांव महावा के पुल से रोज कई स्कूली बसें गुजरती हैं।
गांव वाले भी सब्जियों से भरी गाड़ियां और दूसरे वाहन लेकर निकलते हैं। पुल में रेलिंग तक नहीं बनी है। पुल ऐसी स्थिति में है जो किसी भी समय गिर सकता है। साल 2016 में हादसे के बाद सरकार ने बच्चों के परिजनों को मुआवजा तो दिया, लेकिन पुल को नहीं बनवाया। इस पुल से स्कूली बस ड्रेन में गिरी थी। सात बच्चों की मौत हुई और दर्जनों जख्मी हो गए थे। आप इस पुल को बनवा दीजिए।’
पीएम ने कर्णबीर की मांग सुनकर कुछ देर के लिए सन्न रह गए। कुछ सेकेंड शांत रहने के बाद सिर झुका कर बोले, ‘बेटा तुमने बहुत ही साहसिक कार्य किया है, चिंता मत करो’। इतना कहने के साथ ही मोदी ने कुछ दूर पर बैठीं इंडियन कौंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ की तरफ इशारा करते हुए कर्णबीर को मिलने के लिए कहा, जिसके बाद कर्णवीर ने उनसे पूरी बात बताई।
मीडिया से बातचीत करते हुए कर्णबीर ने बताया की अधिकारियों ने उन्हे आश्वासन दिया है कि जल्द ही पुल पर काम शुरु हो जाएगा। कर्णबीर ने कहा कि जिस दिन पुल बनकर तैयार हो जाएगा उसदिन गांव में जश्न होगा। ये एकमात्र पुल है जो गांव को शहर से जोड़ता है। आलम ये है कि रात के अंधेरे और घनी धुंध में पुल दिखाई नहीं देता। ऐसे में अकसर लोग वाहन समेत नीचे गिर जाते हैं।
कर्णबीर के इस प्रयास से उसकी दादी प्रकाश कौर ने खुश हैं, दादी बताती हैं, कि हादसे के बाद पोते ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। आज उसने एक और बड़ा काम करते हुए पीएम तक गांव वालों का बात भी पहुंचा दी है। जिससे पूरा गांव कर्णबीर के कदम की सराहना कर रहा है।
वहीं इस गांव में पुल न बनने के बारे में जब डीसी कमलदीप सिंह संधा से बात की गई तो उन्होने कहा की पुल डिफेंस एरिया में आता है। जिसपर काम करने के लिए रक्षा मंत्रालय की अनुमति चाहिए। पुल को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में उत्तरी कमान के कमांडर से मेरी बात हुई थी। जिसपर उन्होने प्रपोजल मांगा है। साथ ही एनओसी जारी करने का आश्वासन दिया है। हम जल्दी ही प्रपोजल बनाकर भेज दिया जाएगा।
दरअसल 20 सितंबर 2016 को गांव महावा के जर्जर पुल से नहर में स्कूल की बस गिर गई थी। बस में कर्णबीर सिंह भी था। जिसके बाद वो कांच तोड़कर बाहर निकला और डूबती बस से एक के बाद एक 15 बच्चों को बाहर निकाला था। लेकिन सात बच्चों को वो नहीं बचा पाया। इसी बहादुरी के लिए कर्णबीर का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए हुआ था।