कम उम्र में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कर सकती है आपकी किडनी खराब, शोध में हुआ खुलासा
युवाओं में आजकल हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ की समस्या बढ़ती जा रही है. रक्तचाप आज बड़ी त्रासदी बन गया है। विशेषकर शहरों तथा महानगरों में इससे पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। इसके रोगियों की संख्या में निरन्तर होती तीव्र वृद्धि से भी ज्यादा चिन्ताजनक बात यह है कि अब किशोर और बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। आजकल रक्तचाप बढ़ने की शिकायत 15−16 वर्ष के किशोरों से लेकर 18−20 वर्ष के युवाओं में भी दिखाई देने लगी है। विशेषज्ञों के अनुसार अब 18 वर्ष की आयु से ही हृदय रोग के लक्षण दिखाई देने लगे हैं .
इसके बढ़ने का एक कारण आजकल की खराब लाइफस्टाइल भी है. यह समस्या कभी-कभी तो इतनी बढ़ जाती है कि कम उम्र में ही किडनी ट्रांसप्लांट करने की नौबत आ जाती है. किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट की मानें तो अगर हाई ब्लड प्रेशर का टाइम पर इलाज ना करवाया जाए तो इसका सीधा असर आपकी किडनी पर भी पड़ सकता है. रिसर्च के अनुसार 20 से 40 उम्र तक के युवाओं को किडनी की समस्या भविष्य में अधिक हो सकती है, अगर उन्होंने समय रहते हाई ब्लड प्रेशर का इलाज ना कराया तो. इतना ही नहीं इसका असर इतना खतरनाक हो सकता है कि किडनी बदलने तक की भी नौबत आ सकती है.
दिल्ली के वेंकटेश्वर अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट निदेशक डॉ. पी.पी वर्मा के मुताबिक 70% किडनी फेल होने के मामले हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ की वजह से होते हैं. डॉ. वर्मा ने बताया कि उनके पास एक 25 साल की महिला का मामला आया था. उस महिला का हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी ट्रांसप्लांट करना पड़ा था. दो साल तक इस महिला ने हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण जैसे सिर दर्द, चक्कर आना और पैर में सूजन को नज़रंदाज़ किया. एक दिन सांस लेने में समस्या होने पर इन्हें इमरजेंसी में एडमिट कराया गया. बाद में पता चला कि इस महिला को अनियंत्रित ब्लड प्रेशर है जिसकी वजह से उसकी किडनी ख़राब हो चुकी है.
फोर्टिस अस्पताल नोएडा के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिंघल के मुताबिक अधिकतर किडनी खराब हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के कारण होता है. लेकिन ज़्यादा खतरा हाई ब्लड प्रेशर से बना रहता है. उनके हिसाब से भी इसका मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल है. डॉ. सिंघल ने आगे बताया कि अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो आपको किडनी की भी जांच कराते रहना चाहिए. उनके अनुसार हाई बीपी एक साइलेंट बीमारी है. कई बार अगर कोई लक्षण ना हो तो इसका पता चल पाना मुश्किल होता है.
उन्होंने बताया कि उनके पास कम उम्र के रोगी भी आ चुके हैं जिनकी उम्र केवल 14 से 15 साल की थी. डॉ. के मुताबिक अगर समय पर हाई बीपी का पता चल जाए और इसका इलाज हो जाए तो भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है. इसलिए इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए समय-समय पर जाकर किडनी, बीपी और डायबिटीज का टेस्ट करवाना चाहिए. जितनी जल्दी इन बीमारियों का पता चलेगा उतनी जल्दी आप इलाज शुरू कर सकेंगे. इसके अलावा यदि आपकी भी लाइफस्टाइल अनहेल्दी है तो उसे तुरंत बदलकर एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की कोशिश करें.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. NEWSTREND इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.