लाभ का पद मामला में AAP में कभी खुशी तो कभी गम का माहौल, हाईकोर्ट से मिली थोड़ी राहत
नई दिल्ली: लाभ का पद मामलें में राष्ट्रपति द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद पार्टी में कभी खुशी तो कभी गम का माहौल है। जी हां, बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि कोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले पर स्टे नहीं लगाया है, लेकिन दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी को थोड़ी राहत जरूर मिली है। आइये जानते हैं कि कोर्ट ने मामलें में क्या सुनवाई की है?
दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने अपने विधायकों के अयोग्य करार देने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जी हां, मामलें में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उपचुनाव पर स्टे लगा दिया है। बता दें कि राष्ट्रपति द्वारा विधायकों के अयोग्य सिफारिश पर मुहर लगाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली में उपचुनाव होंगे, लेकिन फिलहाल के लिए कोर्ट ने स्टे लगा दिया है।
दरअसल, बुधवार को सुनवाई के दौरान विधायकों की तरफ से कहा गया कि उनके साथ जो कुछ हुआ है वह अन्याय है, जिसके लिए वो कोर्ट से न्याय की उम्मीद करते हैं। बता दें कि कोर्ट की सुनवाई विधायकों को लगा था कि कोर्ट उपुचनाव की घोषणा करने का आदेश देगा, लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही। कोर्ट ने उपचुनाव पर सोमवार तक स्टे लगा दिया है। खबरों का माने तो कोर्ट मामलें को हर एंगल से देखना चाहता है, यही वजह रही है कि कोर्ट ने फिलहाल के लिए उपचुनाव पर स्टे लगा दिया है।
बहरहाल, अब ये देखना होगा कि आम आदमी पार्टी उपचुनाव के घोषणा तक क्या कोर्ट में अपने विधायकों के बेगुनाही सबूत पेश कर पाती है या नहीं, या फिर दिल्ली में सोमवार के बाद उपचुनाव की घोषणी हो जाएगी? ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कोर्ट से आम आदमी पार्टी को भले ही पूरी राहत न मिली हो, लेकिन थोड़ा समय तो मिल ही गया है।