हनुमान चालीसा पढ़ते समय भूल से भी न करें ये गलतियाँ, वरना होगा महापाप
हिन्दू धर्म में राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी माने जाते हैं. हनुमान जी को अधिकतर लोग बजरंग बलि कह कर बुलाते हैं. हनुमान जी ना केवल बलशाली थे बल्कि, काफी बुद्धिमान भी थे. इसीलिए उन्होंने सीता माँ की रक्षा के समय अपनी पूँछ पर आग लगा कर पूरी लंका का नाश कर दिया था. उसी समय से भगवान राम के नाम के साथ हनुमान जी का नाम जोड़ा जाता है. वैसे तो भगवान का हर नाम सबसे उत्तम एवं प्रभावशाली होता है. मगर बात चालीसा की करें तो ये ना केवल पढने में सरल बल्कि समझने में भी आसान रहती है. जो पाठ चालीस पंक्तियों में हो, उसको चालीसा का नाम दिया जाता है.
इन्ही में से हनुमान जी की चालीसा का भी हिन्दू धर्म में अपना ख़ास स्थान है. जिस प्रकार हिन्दू धर्म में भगवत गीता को सलाहा जाता है, उसी प्रकार लोगों को हनुमान चालीसा करने में आत्मिक शान्ति प्राप्ति होती है. बहुत सारे विद्वानों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने से इंसान को अपने अंदर उर्जा महसूस होती है और वह खुद को बलवान समझ कर किसी भी दुश्मन से लड़ने की ताकत रखने लगता है. हालांकि, हनुमान चालीसा पढने में काफी सरल एवं स्पष्ट है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसको पढ़ते समय छोटी मोटी गलतियों को दोहराते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको उन गलतियो के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अनजाने में आपको पाप का भागिदार बनाती हैं.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हनुमान चालीसा की हर एक लाइन का अपना ख़ास अर्थ और महत्व है. इस चालीसा को तुलसीदास जी ने लिखा था. इसलिए इस चालीसा को सर्वाधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय माना जाता है. हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ते समय हनुमान और भगवान राम के इष्ट चित्र की स्थापना करना अनिवार्य है. पाठ संपन्न होने के बाद भगवान की मूर्ती के समक्ष पवित्र जल से भरा हुआ एक बर्तन रखें. अब आप आँखें बंद करके सचे मन से चालीसा का जाप करें. हो सके तो कम से कम इस चालीसा का पाठ 3 बार से लेकर 108 बार करें.
जब आपका पाठ पूरा हो जाए तो पास रखा जल प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और घर में बांटें. पाठ के समय एक बात का ख़ास ध्यान रखें कि आप जब भी हनुमान चालीसा पढें, उसका वक्त हर रोज़ एक ही हो. इसके इलावा अगर आप चाहें तो सोने से पहले या किसी यात्रा के दौरान भी इस पाठ को पढ़ सकते हैं.
पंक्ति जाप के नियम
हनुमान चालीसा की कोई भी एक पंक्ति का चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार करें और नित्य प्रातः तुलसी की माला पर मंत्र की तरह 3 से लेकर 11 माला तक का जाप करें. इसके अलावा इस समय के दौरान अपने खान-पान और आचरण की शुद्धता पर भी खास ध्यान दें. हमेशा श्री राम की पूजा के बाद ही हनुमान चालीसा का जाप करें.
बुद्धि बढ़ाने के लिए
“बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौ पवनकुमार |
बल बुधि विद्या देहि मोहि,हरहु कलेस विकार|”
स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए
“बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौ पवनकुमार |
बल बुधि विद्या देहि मोहि,हरहु कलेस विकार|”
कुसंगति से बचें
“महावीर विक्रम बजरंगी , कुमति निवार सुमति के संगी”
रिश्ते में मिठास के लिए
“रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई,तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई”
इसके इलावा भी बाकी पंक्तियों के जाप करने का भी अपना अलग अलग समय होता है.