जानिए, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच होता है युद्द तो क्या होगा, भारत का पलड़ा क्यों होगा भारी
दिल्लीः क्या आप जानते हैं कि अगर पाकिस्तान से युद्ध होता है तो उसे फिर से पराजय का सामना करना पड़ेगा। वह भारत कि सेना के आगे कहीं नहीं टिकता। इस बात का दावा रक्षा विशेषज्ञ एवं रिटायर्ड एयर फोर्स ग्रुप कैप्टन वीके गांधी ने किया है। India Pakistan War.
दोनों देशों कि एयर फोर्स क्षमता में है भारी अंतर –
पाकिस्तान कि सामरिक क्षमता भारत के सामने कुछ भी नहीं है। गांधी ने दावा किया है कि पाकिस्तान एयर फोर्स से इंडियन एयर फोर्स दस गुना ताकतवर है। युद्ध जैसे हालात में भारतीय एयर फोर्स पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर घेर लेगी।
गांधी ने भारतीय फौज की तारीफ करते हुए कहा कि वह किसी भी जंग को जीतने में सक्षम है। सेना की तारीफ करने के दौरान कहा कि इंडियन एयर फोर्स को जल्द ही एंटी मिसाइल की जरूरत पर जोर दिया। इंडियन एयर फोर्स की मजबूती के लिए एंटी मिसाइल तकनीक को होना बेहद जरूरी है।
मिसाइल की लोकेशन ट्रैस करने कि क्षमता से युक्त है भारत –
गांधी ने कहा है कि भारतीय सेना के पास ऐसा राडार है, जो पलभर में पाकिस्तान की तरफ से आने वाली मिसाइल की लोकेशन बता देगा। मिसाइल का पता चलते ही इंडियन एयरफोर्स पलक झपकते ही काम तमाम कर देगी।
एंटी मिसाइल की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राडार होने के बावजूद हमारे पास यह तकनीक होनी चाहिए, जिससे हम दुश्मनों की मिसाइल को उनकी ही सीमा में गिरा दें।
1965 की लड़ाई में पाकिस्तान को घुटने के बल लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के बेटे पूर्व सांसद सुनील शास्त्री का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के भीतर 1965 जैसा उत्साह पैदा कर दिया है। उस समय भी ऐसा ही उत्साह था।
सुनील शास्त्री के मुताबिक, 1965 में सेना सहित पूरे देश का उत्साह इस कदर चरम पर था कि चीन को भी सबक सिखाने के लिए शास्त्री जी मन ही मन तैयार थे। उस समय चीन बहुत अधिक मजबूत नहीं था। 1962 की लड़ाई में हार इसलिए हुई. क्योंकि तैयारी नहीं थी। सरकार भी युद्ध करना नहीं चाहती थी।
भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता पाकिस्तान (India Pakistan war head) –
बुधवार रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एकाएक बढ़ गया है। पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों के बीच भारत भी सीमा पर अपनी सामरिक तैयारी मजबूत करने लगा है।
778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैनिकों की नई सिरे से और ज्यादा संख्या में तैनाती की जा रही है। साथ ही हथियार और ईंधन भंडार भी जमा किया जा रहा है। यह सभी तैयारियां युद्ध जैसे हालात की तरफ इशारा कर रही हैं।