जानिये द्रौपदी के आलावा और किस-किस से किया था पांडवों ने विवाह
द्रौपदी के आलावा और किस-किस से किया था पांडवों ने विवाह: महाभारत के बारे में हम सभी कुछ न कुछ जरूर जानते हैं, लेकिन ये कथा सिर्फ कौरव व पांडवों के युद्ध तक ही सीमित नहीं है. महाभारत की कथा जितनी बड़ी है, उतनी ही रोचक भी है. कौरव व पांडवों के अलावा भी इसमें अनेक राजाओं की रोचक व प्रेरणादायी कहानियां पढ़ने को मिलती हैं.
शास्त्रों में महाभारत को पांचवां वेद भी कहा गया है. इसके रचयिता महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास हैं. इस ग्रंथ में कुल एक लाख श्लोक हैं, इसलिए इसे शतसाहस्त्री संहिता भी कहते हैं. आज हम आपको इस ग्रंथ की कुछ रोचक बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है.
पांडवों ने द्रौपदी के लिए एक नियम बनाया :
द्रौपदी से विवाह के बाद एक दिन नारद मुनि पांडवों से मिलने आए. उन्होंने पांडवों को बताया – प्राचीन समय में सुंद-उपसुंद नामक दो राक्षस भाई थे. उन्होंने अपने पराक्रम से देवताओं को भी जीत लिया था, लेकिन एक स्त्री के कारण दोनों में फूट पड़ गई और उन दोनों ने एक-दूसरे का वध कर दिया. ऐसी स्थिति तुम्हारे साथ न हो, ऐसा नियम बनाओ. तब पांडवों ने द्रौपदी के लिए एक नियम बनाया कि एक नियमित समय तक हर एक भाई के पास द्रौपदी रहेगी. जब एक भाई द्रौपदी के साथ एकांत में होगा तो वहां दूसरा भाई नहीं जाएगा. यदि कोई भाई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे ब्रह्मचारी होकर 12 साल तक वन में रहना होगा.
पांडवों की द्रौपदी के अलावा दूसरी पत्नियां भी थीं. युधिष्ठिर की पत्नी का नाम देविका था, उसके पुत्र का नाम यौधेय था. नकुल की पत्नी करेणुमती से निरमित्र और सहदेव की पत्नी विजया के गर्भ से सुहोत्र नामक पुत्र का जन्म हुआ.
भीमसेन की दो पत्नियां और थी. पहली हिडिंबा और दूसरी काशीराज की पुत्री बलंधरा. हिडिंबा का पुत्र घटोत्कच व बलंधरा के पुत्र का नाम सर्वग था. अर्जुन ने श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा, नागकन्या उलूपी व मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा से विवाह किया था. अर्जुन से सुभद्रा से अभिमन्यु, उलूपी से इडावान् और चित्रांगदा से बभ्रूवाहन नामक पुत्र थे. द्रौपदी को पांचों पांडवों से एक-एक पुत्र था. युधिष्ठिर के पुत्र का नाम प्रतिविन्ध्य, भीम के पुत्र का नाम सुतसोम, अर्जुन के पुत्र का नाम श्रुतकर्मा, नकुल के पुत्र का नाम शतानीक तथा सहदेव के पुत्र का नाम श्रुतसेन था.