हर हिन्दुस्तानी महिला को एक बार जरुर देखनी चाहिए ये 10 फिल्में, देखिए पूरी लिस्ट
मुम्बई – भले ही बॉलीवुड में एक्टर की भूमिका हमेशा से अहल रही है। लेकिन, फिर भी बॉलीवुड ने कुछ ऐसी फिल्में भी बनाई हैं जिन्हें देखकर कहा जा सकता है कि बॉलीवुड ने कम ही सही लेकिन महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर जो भी फिल्में बनाई हैं वो समाज को एक उचित संदेश देती हैं। भले ही बॉलीवुड इंडस्ट्री पर पुरुषों का अधिकार महिलाओं से ज्यादा हो, लेकिन कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनमें महिलाओं ने साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं हैं और अकेले भी किसी फिल्म को हिट करा सकती हैं। आज हम आपको उन फिल्मों की लिस्ट दिखाने जा रहे हैं जिनमें महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई और समाज को एक सही सिख दी।
फैशन
फिल्म फैशन बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया से पर्दे हटाती है और अंदर का अंधेरा दिखाती है। मॉडलिंग पर आधारित यह फिल्म बॉलीवुड के कई राज भी खोलती है और बॉलीवुड की ग्लैमरस और जगमगाती दुनिया के पीछे की सच्चाई दुनिया के सामने रखती है।
सात खून माफ
फैशन के बाद प्रियंका चोपड़ा की यह दुसरी शानदार फिल्म थी। फिल्म सात खून माफ एक महिला के फैशनेबल, बोल्ड, अमीर और शातिर पहलु को दिखाती है। सच्चे प्यार की तलाश में इस फिल्म की मुख्य किरदार 6 शादियां करती हैं।
डर्टी पिक्चर
डर्टी पिक्चर अपने समय की मशहुर मॉडल सिल्क स्मिता के जीवन पर आधारित फिल्म थी। डर्टी पिक्चर एक महिला के बोल्डनेस को दिखाती है और एक गरीब लड़की रेशमा से सेंसेशनल स्टार सिल्क बनने की कहानी को बयां करती है।
बैंडिट क्वीन
एक महिला अपने साथ हुए अत्याचार का बदला देने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है यह फिल्म इसी पर आधारित है। यह फिल्म फूलन देवी के जीवन पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक मासूम लड़की, समाज और कानून के अत्याचारों का जवाब देने के लिए डकैत बन जाती है।
लज्जा
लज्जा 4 अलग अलग परिस्थितयों में अपना जीवन जी रही महिलाओं की कहानी है। फिल्म यह दिखाती है कि कैसे अलग अलग परिस्थियों का सामना महिलाएं अपने साहस और सुझबुझ से कर सकती हैं।
जुबैदा
फिल्म महिला के विचारों और स्वतंत्रा को दिखाती है। फिल्म में जुबैदा बनी करिश्मा कपूर की शादी एक हिंदु युवराज से दूसरी बीवी के रुप में हो जाती है। इसके बाद जुबैदा को अपनी जिंदगी बेहतर करने के लिए फिर से सोचना पड़ता है और वह अपनी जिंदगी के लिए बेहतर फैसला कर लेती है।
चांदनी बार
फिल्म चांदनी बार खुद को समाज के शरीफ लोग कहलाने वाले लोगों के चेहरे नकाब उतारने की कहानी है। यह एक बार डांसर्स की जिंदगी पर बनी फिल्म है जो सफेद पोश लोगों के चेहरे से नकाब हटाती है।
दामिनी
दामिनी फिल्म एक महिला के अत्याचार और बुराई के खिलाफ संघर्ष को दिखाती है। फिल्म दिखाती है कि कैसे एक महिला बुराई के खिलाफ अपने पति के सामने भी खड़ी हो जाती है।
चक दे इंडिया
फिल्म महिलाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करती है। फिल्म हॉकी पर आधारित है लेकिन यह फिल्म दिखाती है कि महिलाएं भी खेलों के मैदान में पुरुषों से कम नही हैं।
मदर इंडिया
मदर इंडिया कि गिनती आज भी देश की बेहरीन फिल्मों में कि जाती है। फिल्म में एक गरीब और बेसहारा महिला की किसी भी परिस्थिति में नहीं झुकती और अपने वचन को पूरा करने के लिए अपने ही बेटे पर गोली चला देती है।